नई दिल्लीः अब नई कार खरीदने पर पेमेंट का तरीका बदल सकता है। वाहन बीमा प्रदाता से संबंधित समिति ने सुझाव दिए हैं। अगर इन सुझावों का माना जाए तो कार खरीदने के बाद उसका पेमेंट चेक से करना होगा और कार के इंश्योरेंस के प्रीमियम के लिए दूसरा चेक देना पड़ेगा। साल 2017 में वाहन बीमा प्रदाता की गाइडलाइन को लागू किया गया था। गाइडलाइन को लागू करने के पीछे यह मकसद था कि कारों की इंश्योरेंस बिक्री को सरल बनाया जाए और उन्हें एक सिस्टम में लाया जाए।
वाहन बीमा प्रदाता कंपनी या बीमा मध्यस्थ द्वारा नियुक्त वाहन डीलर होता है। यह अपने माध्यम से बेचे जाने वाले मोटर वाहन के मोटर बीमा पॉलिसियों की सेवा भी ग्राहकों को उपलब्ध करवाता है। साल 2017 में आई वाहन बीमा प्रदाता की सिफारिशों को लेकर बीमा प्राधिकरण और विकास प्राधिकरण ने एक समिति का गठन किया था। अब समिति ने Insurance Regulatory and Development Authority को अपनी रिपोर्ट दे दी है, जिसमें कई प्रस्ताव हैं।
समिति का मानना है कि कार के इंश्योरेंस का पेमेंट करते समय पारदर्शिता की कमी है। समिति का मानना है कि जब ऑटोमोटिव डीलर से कार खरीदी जाती है तो कार का पूरा पेमेंट एक चेक से ही किया जाता है। इस वजह से इंश्योरेंस प्रीमियम की कीमत साफ-साफ नहीं दिखती और पारदर्शिता में भी कमी आती है। इस वजह से ग्राहक को पता नहीं चलता कि कार की कीमत क्या है और उसने कितना इंश्योरेंस प्रीमियम दिया है। समिति का मानना है कि यह पॉलिसीधारक के लिए सही नहीं है। ग्राहक को इंश्योरेंस की असली कीमत पता ही नहीं चल पाती है। इस वजह से ग्राहक को डिस्काउंट के बारे में भी सही-सही जानकारी नहीं मिल पाती है।