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पंजाब निकाय चुनाव में क्यों हुई भाजपा और अकाली दल की हार? जानें 5 बड़े कारण

चंडीगढ़: पंजाब नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल कर ली है। चुनाव में अकाली दल दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जबकि भाजपा और आम आदमी पार्टी तो कई जगह अपना खाता ही खोल नहीं पाई हैं। बीजेपी सांसद सनी देओल के लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर में सभी 29 सीटों पर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है। इसी बीच पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दावा किया है कि कांग्रेस ने सात में सात नगर निगमों पर जीत दर्ज की है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो वे SAD और BJP हार के ये पांच बड़े कारण बता रहे हैं-

भाजपा की हार के पांच बड़े कारण

-किसान आंदोलन के कारण बीजेपी के उम्मीदवारों को भारी जनाक्रोश का सामना करना पड़ा।
-कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी आधी सीटों पर अपने उम्मीदवार ही नहीं उतार पाई।
-अकाली दल से नाता टूटने के कारण भाजपा अपनी जमीनी पकड़ खोती चली गई।
-बीजेपी के काफी बडे़ नेताओं ने चुनाव से पहले या चुनाव के दौरान पार्टी छोड़ दी।
-बीजेपी के उम्मीदवारों को किसानों ने जन सभाएं तक नहीं करने दी।

शिरोमणि अकाली दल की हार के पांच कारण

-किसान आंदोलन में शिअद की भूमिका कमजोर रही जबकि कांग्रेस ने किसानों की लड़ाई में शुरू से साथ दिया।
-SAD पर भाजपा का टैग लगा रहा, अंडरग्राउंड कैंपेन में इसे भाजपा की बी टीम कहा गया।
-पूर्व कैबिनेट मंत्री हरसिमरत बादल और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर टिप्पणी करते रहे।
-कांग्रेस ने इस बात का प्रचार किया कि 2013 में कांट्रैक्ट फार्मिंग बिल अकाली और भाजपा सरकार लेकर आए थे।
-इस बिल में किसानों को भी जेल भेजने का प्रावधान था, इस बिल को अगामी बजट सत्र में कांग्रेस ने रद्द करने का वादा किया।