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दलितों में राजनीतिक चेतना लाने में सक्रिय रहे विजय हंस

-दलितों में राजनीतिक चेतना लाने में सक्रिय रहे विजय हंस

अलावलपुर: ”विजय हंस दलित चेतना के मोहरी नेता थे और एक विचारधारा का नाम थे।” इन विचारों का प्रगटावा विजय हंस की दूसरी पुण्यतिथि के आयोजित समागम में आदमपुर क्षेत्र से विधायक पवन कुमार टीनू ने अपने सम्बोधन में कहे। पवन टीनू ने कहा कि सियासी क्षेत्रों और प्रशासन में बहु-चर्चित नाम थे, उन्होंने दलित समाज को ऊपर उठाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि श्री हंस ने अपनी जिन्दगी के 30 वर्ष सक्रिय राजनीति को अर्पित कर दिये, कोई नेता रातो-रात नेता नहीं बन सकता। श्री हंस को श्रद्धा के फूल भेंट करते हुए कहा कि वह एक दूरअंदेश नेता थे।

दोआबे के वरिष्ठ दलित नेता और बहुजन फ्रंट पंजाब के चेयरमैन सुखविन्द्र कोटली ने कहा कि विजय हंस दलितों में राजनीतिक चेतना लाने में सक्रिय रहे, समाज भीतर कुरीतियों को दूर करने में जागरूक करते रहे। ‘कोटली ने कहा कि विजय हंस समाज में आसामानता, अनपढ़ता, बेरोज़गारी की लड़ाई लड़ते रहे।

बुद्ध भिक्षु विद्धवान भंनते सुमेधे ने अपनी भावभिन्नी श्रद्धांजलि भेंट करते हुए कहा कि विजय हंस को सच्ची श्रद्धांजलि यह है कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के बताये हुए मार्ग पर चलते पढ़ो , लिखो और संघर्ष करो ताकि समाज ‘पढ़-लिखकर तरक्की कर सके। उन्होंने कहा क़ि वाल्मीकि समाज को कलम पकड़नी चाहिए ताकि वह उच्च पदों ‘पर विराजमान हो सकें।

डैमोक्रेटिक भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान राजिन्द्र गिल ने श्रद्धांजलि भेंट करते हुए कहा कि श्री विजय हंस की राजनीतिक, समाजिक विरासत को संभालने का प्रयास ही सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि विजय हंस की मेहनत के फलस्वरूप ही आज पार्टी के पंजाब के इलावा अन्य कई प्रदेशों में यूनिट सक्रिय हैं। डैमोक्रेटिक भारतीय समाज पार्टी के गुजरात यूनिट के नेताओं जीवन भाई परमार, अर्जुन भाई बघेला, लछ्मण भाई सोलंकी, सविता बेन सूरत, कांता बेन घड़ियाल, कल्पेश गांधी, मनो भाई मुकवना, पी.डी. मल्होत्रा, महिन्द्र भाई सूरत, राजेश सोलंकी, सुहिदू शहिनाज आदि ने श्रद्धांजलियां भेंट कीं। पंजाब यूनिट की ओर से प्रिंसीपल मोहन लाल खोसला, विजय कुमार सप्रवाल, राजपाल सिद्धू, के.के. सभ्रवाल, हरविन्द्र बिंदू आदि के नाम प्रमुख हैं।

पंजाब महाशा जागृति मंच के प्रधान व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मुकद्दर हुए कहा कि वह वाल्मीकि समाज के हीरा थे। उन्होंने कहा कि विजय हंस जगाई थी, आज वो एक विराट रूप धारण कर चुकी है।

विजय हंस को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए अकाली नेता धर्मपाल लेसड़ौवाल ने कहा कि श्री विजय ने डैमोक्रेटिक भारतीय समाज पार्टी की स्थापना करके एक नई दिशा पैदा कर गये, इस मार्ग पर चलकर ही उनको याद किया जा सकता है। इस अवसर पर अकाली नेता जत्थेदार हरनाम सिंह, एडवोकेट विजय बद्धन, विजय हंस के भाई नरेश हंस, बेटे अतुल हंस व शेखर हंस, बेटियां एडवोकेट स्नेह हंस व स्वाती हंस आदि उपस्थित थे। मिशनरी जसबीर पारस, हरविन्द्र बिन्दू, दलविन्द्र दयालपुरी व निर्धन करतारपुरी ने अपने-अपने अंदाज़ में श्री विजय हंस को श्रद्धांजलि भेंट की।

Vijay Hans was the name of an ideology: Pawan Tinu