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HMV में वैदिक चेतना शिविर का आयोजन

जालंधर (अमन बग्गा): हंसराज महिला महाविद्यालय, जालंधर के छात्रावास में प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन जी के कुशल दिशा-निर्देशन में संस्कृत विभाग तथा वैदिक अध्ययन समिति के सौजन्य से ‘वैदिक चेतना शिविर’ का आयोजन छात्रावास की छात्राओं के लिए कोआर्डिनेटर श्रीमाती मीनाक्षी स्याल की प्रेरणा से किया गया, जिसमें 100 से अधिक छात्राओं ने हिस्सा लिया। इस शिविर में प्रत्येक दिन विभिन्न विद्वानों को आमंत्रित किया गया और छात्राओं के चहुँमुखी विकास हेतु नैतिक मूल्य, सदाचरण, सद्व्यवहार, योग, हमारे अमूल्य ग्रन्थों जैसे विषयों की विस्तृत जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाई गई।

प्रथम दिन के आरम्भ में प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन जी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे कॉलेज का उद्देश्य मात्र पुस्तकीय ज्ञान बांटना नहीं है, बल्कि हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों तक मूल्याधारित शिक्षा पहुँचाना है और उनमें अच्छे संस्कारों, सद्विचारों को भरना है ताकि वह विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सकें साथ ही उन्होंने प्रथम दिन के मुख्य वक्ता प्रिंसिपल के.आर.एम.डी.ए.वी. कॉलेज नकोदर डॉ. श्री अनूप वत्स जी का स्वागत प्लांटर भेंट करके किया। तत्पश्चात् कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर श्रीमती मीनाक्षी स्याल ने तथा संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने ‘आज वैदिक चेतना शिविर की आवश्यकता क्यों है?’ इस विषय पर अपने विचार विद्यार्थियों के साथ सांझा किए। प्रिंसिपल श्री अनूप वत्स जी ने विद्यार्थियों को बताया कि जीवन में बैलेंस बहुत जरूरी है। फिजिकल फिटनैस, मैंटल फिटनैस, इमोशनल बैलेंस जीवन को सही रूप में चलाने के लिए बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी विद्यार्थी बहुत भाग्यवान हैं कि आप डी.ए.वी.की 135 वर्ष पुरानी परिपाटी का हिस्सा है इसलिए आप अपने अन्दर छोटे-छोटे बदलाव लाकर हम बड़ी-बड़ी उपलब्धियां प्राप्त कर सकते हैं। दूसरे दिन योगाचार्य श्री धीरज कुमार जी ने विद्यार्थियों को योग और आसनों की जानकारी दी तथा सभी ने उनके साथ आसन और प्राणायाम कर योग की प्रैक्टिकल जानकारी ली।

कोऑर्डिनेटर श्रीमती मीनाक्षी स्याल जी ने उनका महाविद्यालय में पधारने पर धन्यवाद किया। शिविर के तीसरे दिन बहुत ही प्रसिद्ध समाज सेवी श्रीमती प्रवीण अबरोल जी ने विद्यार्थियों के साथ अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी का कम्पीटीशन उसके अपने साथ है। जीवन में सहनशीलता एवं संयम बहुत जरूरी है। यदि आप अपने जीवन को सुखी बनाना चाहते हैं। परिश्रम का फल अवश्य मिलता है। हम स्वयं के सुन्दर भविष्य के लिए अपने-आप जिम्मेवार हैं। किसी पर दोष लगाने से कुछ नहीं होता। हमें सदा कड़ी मेहनत से आगे बढऩे का प्रयत्न करते रहना चाहिए। साथ ही संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने विद्यार्थियों के लिए अपनी संस्कृति की पहचान हेतु वैदिक-प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढक़र भाग लिया। शिविर के अगले दिन कॉमर्स विभाग से श्रीमती बीनू गुप्ता तथा इतिहास विभागाध्यक्षा श्रीमती प्रोतिमा मंडेर ने विद्यार्थियों को उनके समग्र विकास हेतु इनोवेटिव गेम्स की प्रतियोगिताएं करवाईं। शिविर के अंतिम दिन श्री कुन्दन लाल अग्रवाल जी मुख्यातिथि एवं यजमान के रूप में पधारे।

प्राचार्या जी ने प्लांटर भेंट कर उनका स्वागत किया। यज्ञ का संपादन संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने किया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने इस वैदिक चेतना शिविर को सफलतापूर्वक लगाने के लिए कोआर्डिनेटर श्रीमती मीनाक्षी स्याल, संस्कृत विभाग तथा वैदिक अध्ययन समिति तथा उनकी पूरी टीम को बधाई दी और उनके इन प्रयासों की सराहना की तथा विद्यार्थियों को भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। कोऑर्डिनेटर श्रीमती मीनाक्षी स्याल ने शिविर की रिपोर्ट पढ़ी तथा भाग लेने वाले विद्यार्थियों को शाबाशी भी दी। साथ ही उन्होंने इस शिविर की सफलता हेतु तकनीकी टीम तथा सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस शिविर की सफलता का सबसे अधिक श्रेय आप जैसे विद्यार्थियों को ही जाता है इस अवसर पर डीन वैदिक अध्ययन समिति श्रीमती ममता, सुपरिटेंडेंट एकाउंटस श्री पंकज ज्योति, सुपरिटेंडेंट एडमिन श्री रवि मैनी, विभिन्न विभागों के अध्यापक, हॉस्टल वार्डन श्रीमती किरण, श्रीमती नरेन्द्र भी मौजूद रहे। मंच संचालन डॉ. मीनू तलवाड़ द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में डीन वैदिक अध्ययन समिति श्रीमती ममता ने सभी का धन्यवाद किया।

Vedic Chetna Camp organized at HMV