चंद्रपुर: भले ही आज भारत में लोगों की सोच बदल रही है, फिर भी कुछ लोग प्रेम विवाह को गलत मानते हैं। लेकिन महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले का एक गाँव, करंजी, इस मामले में एक अनूठी मिसाल पेश करता है। गोंडपिपरी तालुका में स्थित यह गाँव पिछले चार दशकों से प्रेम विवाहों के लिए जाना जाता है, जहाँ 200 से अधिक जोड़ों ने प्रेम विवाह किया है।
करंजी गाँव में प्रेम विवाह को सामाजिक रूप से स्वीकार किया जाता है। यहाँ के लोग प्रेम विवाह को सामान्य मानते हैं, जिससे प्रेम करने वाले जोड़ों को शादी के बंधन में बंधने में कोई कठिनाई नहीं होती। गाँव की 11 सदस्यीय ग्राम पंचायत भी प्रेम विवाह का समर्थन करती है। पंचायत के छह सदस्य, जिनमें सरपंच और उपसरपंच भी शामिल हैं, ने स्वयं प्रेम विवाह किया है। उनका यह अनुभव गाँव में प्रेम विवाह के प्रति सकारात्मक माहौल बनाने में मदद करता है।
गाँव में किसी भी प्रकार के विवादों को सुलझाने के लिए “झगड़ा-मुक्त समिति” है। प्रेम विवाह से जुड़े विवादों में यह समिति दोनों परिवारों को समझाती है और जोड़े की सहमति से गाँव के मंदिर या ग्राम पंचायत कार्यालय में उनकी शादी करवा देती है। करंजी गाँव में सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं, जिससे प्रेम विवाह में धार्मिक बाधाएँ कम होती हैं। यह गाँव विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ और सहयोग का प्रतीक है।
इन सभी कारणों से, करंजी गाँव प्रेम विवाह की एक मजबूत परंपरा का केंद्र बन गया है। यह गाँव प्रेम और सामाजिक सद्भाव की एक अनूठी मिसाल है, जहाँ प्यार को सामाजिक बंधन से ऊपर माना जाता है। पिछले 40 सालों से ये परंपरा गांव में चली आ रही है।
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this tradition is going on for 40 years