चंडीगढ़: साइकिल के कई रूप लोगों ने देखें हैं, जैसे गेअर वाली साइकिल, रेसर साइकिल, घरेलू साइकिल लेकिन लकड़ी की साइकिल वह भी 100 साल पुरानी, यह हैरानी वाली बात नजर आती है। खास बात यह है कि उस समय भी साइकिल चलाने के लिए सरकारी मंजूरी लेनी पड़ती थी और इसका लाइसेंस बनता था। ऐसी ही एक साइकिल पंजाब के सतविंदर सिंह के पास है।
भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले की यह साइकिल लड़की और लोहे से बनी है, जो 100 साल पुरानी है, जिसे देखना हैरानीजनक है। शायद ही पंजाब में ऐसी कोई साइकिल होगी, जिसे देखते के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इस अनोखी साइकिल को खरीदने के लिए किसी ने इसकी बोली 50 लाख रुपए रखी थी, लेकिन इसके बावजूद साइकिल के मालिक ने इसे नहीं बेचा।
साइकिल के मालिक सतविंदर सिंह जोकि समराला के रहने वाले हैं, का कहना है कि यह साइकिल उसके बुजुर्गों ने नजदीकी गांव में रहने वाले एक रेलवे कर्मचारी से खरीदी थी। उस समय साइकिल चलाने के लिए लाइसेंस बनवाना पड़ता था जो इस समय उनके पास है। यह लाइसेंस उसके चाचा के नाम पर है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने इस साइकिल की कीमत 50 लाख रुपए रखी थी पर उसने इसको नहीं बेचा क्योंकि शोक का कोई मुल्य नहीं होता।
This guy from Punjab has a bicycle before the Indo-Pak partition, has cost 50 lakhs, read what is special