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DIPS की यंग जनरेशन ने भरी सपनों की उड़ान, पेपर प्लेन बना कर देखा आसमां छूने का सपना

जालंधर: कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स को आदर्श मानकर नीले आकाश को छूकर देखने का सपना देखने वाले डिप्स श्रृंखला के प्री विंग के विद्यार्थीयों ने रंग बिरंगे , छोटे छोटे पंखों वाले जहाज़ बनाकर आसमां के हवाले किए। इस गतिविधि का मुख्य उद्देश्य बच्चों में बुलंदीयां छूने का हौसला भरना और आकाश को मुट्ठी में भरने का जज़्बा जगाना था। अनेक रंगों के प्लेनज़ को विक्टर, द्रोणा, बाज़ आदि नाम देकर बच्चों ने अपनी कल्पना को ज़ाहिर किया। कुछ नन्हें मुन्नों ने तो अपने प्लेन पर भारत का , अपने पसंदीदा प्लेयर का, पसंदीदा जहाज़ का स्टीकर लगाकर सजाया।

अध्यापकों ने विद्यार्थीयों का मनोबल बढ़ाते हुए समझाया कि पंछी जब उड़ते हैं तो हवा से बातें करते हैं, इसी तरह हम इंसान प्लेन व जहाज़ में बैठ कर बादलों के पार जाते हैं, चांद और मंगल तक यात्रा करते हैं और मानवता की बेहतरी के लिए विभिन्न प्रयोग करते हैं। बच्चों को नासा संस्थान की कार्य प्रणाली के बारे में भी समझाया गया।

इस गतिविधि के सुनियोजिन को सराहते हुए डिप्स श्रृंखला के एमडी सरदार तरविंदर सिंह और सीईओ मोनिका मंडोतरा ने भविष्य के एसटरोनोटज़ को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सोच लो तो हर मंज़िल पाना मुमकिन है फिर वो चाहे जमीं हो चाहे आसमां। अगर आप ने पंखों को फैलाने का हुनर जान लिया तो यकीनन आप बेहतरीन उड़ान भरने में भी सक्षम बन जाते हैं।

The young generation of Dips dreamed of flying, making paper planes and dreaming of touching the sky