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मोगा सेक्स स्कैंडल मामले में 18 साल बाद आया फैसला, 4 पुलिस अधिकारियों को 5-5 साल की कैद; कोर्ट ने 2-2 लाख का जुर्माना भी लगाया

मोहाली: पंजाब के 18 साल पुराने मोगा सेक्स स्कैंडल मामले में आखिरकार इंसाफ मिला है। मोहाली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने आज इस मामले में फैसला सुनाते हुए चार पुलिस अधिकारियों को 5-5 साल की कैद की सजा सुनाई है। इन अधिकारियों में तत्कालीन एसएसपी दविंदर सिंह गरचा, पूर्व एसपी हेडक्वार्टर मोगा परमदीप सिंह संधू, पूर्व एसएचओ थाना सिटी मोगा रमन कुमार और पुलिस स्टेशन मोगा के तत्कालीन एसएचओ इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह शामिल हैं। अदालत ने इन सभी पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके अतिरिक्त, पुलिस इंस्पेक्टर रमन कुमार को एक अन्य धारा में तीन साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मामले के शिकायतकर्ता रंजीत सिंह ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह बहुत बढ़िया फैसला है। उन्होंने कहा कि वह इस निर्णय से पूरी तरह संतुष्ट हैं। गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 29 मार्च को ही इन चारों पुलिस अधिकारियों को इस मामले में दोषी ठहराया था। हालांकि, अकाली नेता तोता सिंह के बेटे बरजिंदर सिंह उर्फ ​​मक्खन बराड़ और सुखराज सिंह को सबूतों की कमी के कारण अदालत ने बरी कर दिया था।

सीबीआई कोर्ट ने देविंदर सिंह गरचा और पीएस संधू को भ्रष्टाचार निवारण (पीसी) अधिनियम की धारा 13(1)(डी) के साथ धारा 13(2) के तहत दोषी पाया। वहीं, रमन कुमार और अमरजीत सिंह को पीसी अधिनियम की इन्हीं धाराओं के अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 384 (जबरन वसूली) के तहत भी दोषी ठहराया गया। अमरजीत सिंह को धारा 384 के साथ धारा 511 आईपीसी के तहत अतिरिक्त रूप से दोषी पाया गया। इस फैसले के साथ ही 18 साल पुराने इस संवेदनशील मामले में पीड़ितों को न्याय मिला है।

The verdict came after 18 years in the Moga sex scandal case