चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की विभिन्न परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि का कब्जा शीघ्र सौंपने का आदेश दिया है। अदालत ने राज्य सरकार की इस मामले में उदासीनता और असफलता पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की है।
न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर और न्यायमूर्ति कुलदीप तिवारी की खंडपीठ ने पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को कटरा-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर एनएचएआई के लिए भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि एनएचएआई और उसके ठेकेदारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चल सके।
अदालत ने पंजाब सरकार से पूछा कि पिछले आदेश के बावजूद 15 अक्टूबर तक भूमि का पूर्ण कब्जा क्यों नहीं सौंपा गया। राज्य सरकार द्वारा समय सीमा बढ़ाने की मांग को अदालत ने खारिज कर दिया। एनएचएआई ने अदालत को बताया था कि राज्य सरकार के सहयोग के अभाव में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में बाधा आ रही है। भूमि के कब्जे के बिना इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आगे बढ़ाना मुश्किल हो रहा है।
पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर 136.44 किलोमीटर ज़मीन का कब्जा एनएचएआई को दे दिया गया है, जबकि बाकी जमीन का कब्जा दिलवाने के लिए आदेश जारी किए गए हैं।
The High Court reprimanded the Punjab government expressed displeasure over the delay on this issue