नई दिल्ली: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के एक हालिया बयान ने अमेरिका में ग्रीन कार्ड धारकों के बीच चिंता पैदा कर दी है। वेंस ने कहा है कि ग्रीन कार्ड रखने का मतलब यह नहीं है कि किसी व्यक्ति को हमेशा के लिए अमेरिका में रहने का अधिकार मिल गया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार के पास ग्रीन कार्ड धारकों को भी देश से निकालने का अधिकार है। यह बयान उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान दिया।
ग्रीन कार्ड, जिसे आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड के रूप में जाना जाता है, अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है। हालांकि, यह अधिकार इस शर्त पर मिलता है कि व्यक्ति किसी ऐसे अपराध में शामिल न हो जो अमेरिकी आव्रजन कानूनों का उल्लंघन करता हो। यूएसए फैक्ट्स के आंकड़ों के अनुसार, 2013 से 2022 के बीच 7.16 लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड प्राप्त हुआ है।
अमेरिका में ग्रीन कार्ड धारकों की संख्या के मामले में मेक्सिको के बाद भारतीय दूसरे स्थान पर हैं। अकेले 2022 में 1.27 लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड जारी किए गए थे। इसके अतिरिक्त, 12 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी वर्तमान में ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा सूची में हैं। ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के बाद, व्यक्ति 3 से 5 वर्षों के भीतर अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, उपराष्ट्रपति वेंस के इस बयान के बाद ग्रीन कार्ड धारकों में अनिश्चितता और डर बढ़ सकता है कि उन्हें अचानक निर्वासित किया जा सकता है। कई वर्षों से अमेरिका में रहकर कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहे अप्रवासियों के बीच यह आशंका फैल सकती है कि राजनीतिक निर्णयों के कारण उनकी स्थायी निवास की स्थिति प्रभावित हो सकती है। वेंस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में आव्रजन नीतियों को लेकर बहस तेज है और इसका सीधा असर लाखों ग्रीन कार्ड धारकों पर पड़ सकता है।
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The government can expel Green Card holders from America