चमोली: उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार रात 9:07 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए। मंदिर के कपाट बंद करने की विधि-विधान से जुड़ी सभी धार्मिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए। मंदिर में कई प्रमुख अनुष्ठान हुए और भक्तों के लिए प्रसाद का भी आयोजन किया गया।
शुक्रवार को मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया के तीसरे दिन, वैदिक मंत्रोच्चारण को विराम दिया गया था। यह मंदिर के शीतकालीन चरण में प्रवेश का संकेत था। इसके बाद वेद उपनिषदों को मंदिर के रावल और धर्माधिकारी को सौंपा गया। मंदिर बंद करने की एक सप्ताह लंबी प्रक्रिया 13 नवंबर से शुरू हुई थी।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अनुसार, बद्रीनाथ धाम साल में सिर्फ 6 महीने के लिए खुला रहता है। अप्रैल-मई में मंदिर के कपाट खोले जाते हैं और नवंबर के तीसरे सप्ताह में शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान भगवान बद्री विशाल की डोली को जोशीमठ लाया जाता है, जहां सर्दियों के सीजन में भी नरसिंह मंदिर में उनकी पूजा जारी रहती है।
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The doors of Badrinath temple will be closed for winter today, worship will be done at this place in winter