You are currently viewing सरकार और किसानों की 10वें दौर की वार्ता भी रही बेनतीजा, अब इस तारीख को होगी अगली बैठक

सरकार और किसानों की 10वें दौर की वार्ता भी रही बेनतीजा, अब इस तारीख को होगी अगली बैठक

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 56वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है। आज किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई 10वें दौर की वार्ता अब खत्म हो गई है। 11वें दौर की बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगी। 10वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संगठनों के साथ बेहद सकारात्मक बातचीत हुई।

चर्चा के दौरान, हमने कहा कि सरकार एक या डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों को रखने के लिए तैयार है। मुझे खुशी है कि किसान यूनियनों ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है और कहा है कि वे कल इस पर विचार करेंगे और 22 जनवरी को अपना फैसला बता देंगे। तोमर ने कहा कि मुझे लगता है कि वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है और 22 जनवरी को एक प्रस्ताव मिलने की संभावना है। बैठक के दौरान सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।

सरकार ने इस बैठक में किसानों से गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली न करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही दो वर्षों तक कानून को स्थगित करने का भी प्रस्ताव दिया। हालांकि किसानों को यह नामंजूर है। किसानों ने कहा कि कानूनों को निलंबित करने का कोई मतलब नहीं है और यह स्पष्ट किया है कि हम कानूनों को निरस्त करना चाहते हैं।’ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि उन्होंने हमें कानूनों के कार्यान्वयन को निलंबित करने के बारे में बताया। हमने उनसे कहा कि वे कानून को निरस्त करें। कल हम मिलेंगे। यह पहली बार है कि सरकार बैकफुट पर है।

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, ‘सरकार ने कहा कि वह एक या डेढ़ साल के लिए कानूनों के कार्यान्वयन को लागू नहीं करने के लिए अदालत में एक हलफनामा दायर करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा है कि एमएसपी और कानूनों पर एक समिति बनाई जाएगी और वे समिति की सिफारिशों को लागू करेंगे। हम कल एक बैठक करेंगे और प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे।’