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भक्तिभाव पूर्वक मनाया गया स्वामी मोहन दास जी का 101वां अवतरण दिवस. पीएम, कई प्रसिद्ध गायक समेत कई बड़ी हस्तियां होती थी स्वामी जी के चरणों में नतमस्तक

स्वामी मोहन दास जी के चरणों में प्रधानमंत्री, कई प्रसिद्ध गायक और कई बड़ी हस्तियां होती थी नतमस्तक

आज से लगभग पांच दशक पूर्व योगीराज बाबा मोहन दास जालंधर में पधारे थे। राजस्थान में 96 साल पहले गोपाष्टमी की रात को भंवर कंवर और राणा बाल सिंह के घर मोहन दास का जन्म हुआ था। बचपन से ही ईश्वर की लगन लग गई थी। जिस आयु में बच्चे शरारतें करते हैं, खेलते-कूदते हैं, मोहन दास बैठे-बैठे अखंड समाधि में चले जाते।

एक दिन गुरु भरत दास जी के आश्रम में चले गए और वहां से कृष्णा नदी के नजदीक तपस्या में रहने लगे। बताते हैं कि एक दिन वह लंबे ध्यान में लीन थे। ठीक सामने एक बाघ भी चुपचाप बैठा था। चरवाहों ने यह देखा। बात फैली। बाबा मोहन दास की ख्याति भी। दूर-दूर से लोग आने लगे। जालंधर छावनी से एक अग्रवाल सज्जन के आग्रह पर बाबा जी जालंधर छावनी के राम मंदिर में गए। दीवान परिवार जो जालंधर में रहता था, ने जालंधर शहर आने को कहा। सलेमपुर में उनकी जमीन थी। वहां एक कुटिया डालकर वह रहने लगे।

बाबा जी के आश्रम के सामने अमरूदों का बाग हुआ करता था। बाबा जी के चमत्कारों के किस्से जालंधर की जनता में चर्चा का विषय बन गए। सन् 1970 तक पहुंचते-पहुंचते बाबा जी के आश्रम में श्रद्धालुओं का तांता लगने लगा। कहा जाता है कि समाधि अवस्था में बाबा जी हवा में ऊपर उठ जाया करते थे। कुछ लोग कहते हैं कि बाबा जी के चित्र में से शहद की बूंदें टपका करती थीं। भक्तों को देने के लिए उनके हाथ में मिश्री और इलायची अक्सर जाया करती थीं।

उन्होंने स्वयं बताया था कि एक दुष्ट ने उन्हें जहर दे दिया था जिससे उनकी जुबान कट गई। उनकी साधना तपस्या की बदौलत वे बच गए। एक बार सड़क दुर्घटना में उनकी गाड़ी चकनाचूर हो गई। वह उस समय समाधि अवस्था में थे, इन्हें किसी प्रकार की चोट नहीं लगी। बाबा मोहन दास ने हरिद्वार के साथ कई अन्य नगरों में भी आश्रमों की स्थापना की।

एक बार वह मुंबई में अपने भजनों की कैसेट रिकार्डिंग के सिलसिले में गए थे। महिन्द्र कपूर के निवास जो जसलोक अस्पताल के सामने था, वहां पहुंचे। उनके निवास पर कई सिने निर्देशक भी उपस्थित थे। बाबा जी को महिन्द्र ने एक थाली में मोदक (खोए के लड्‌डू) प्रसाद के रूप में दिए। बाबा जी ने उस पर एक कपड़ा रखकर उसको किशमिश के थाल में बदल दिया। सभी हैरान रह गए।

एक बार गायक महिन्द्र कपूर जालंधर आश्रम में भी आए थे। बाबा जी बहुत सुरीले भजन गाया करते थे। प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल भी इनके आश्रम में दर्शन करने पधारे थे। प्रसिद्ध भेंट गायक नरेन्द्र चंचल भी इनके आश्रम में जाते रहते थे। बीसियों घटनाएं, दर्जनों समारोहों और संकट जो भी देशवासियों के सामने आया बाबा जी ने तन-मन-धन से सेवा की। उनके बैकुंठ वासी गुरु स्वामी भरत दास भी इनके आश्रम में कभी-कभी जालंधर में आया करते थे। एक बार वे समाधि में बहुत लंबे समय तक चले गए, तब उनके सिर से रक्त धारा बह निकली थी।

एक महान तपस्वी, कर्मठ योगी बाबा मोहन दास हमारे बीच से उठ गए। आज के युग में चमत्कारों में लोग विश्वास नहीं करते। इसलिए बहुत लंबे समय से बाबा जी ने चमत्कार दिखाने बंद कर दिए थे, वे केवल आशीर्वाद ही देते थे।

{दीपकजालंधरी)