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आसमानी आफत और लैंडस्लाइड…भारी बारिश के बाद केदारनाथ से टूटा संपर्क, 1000 श्रद्धालु फंसे; 16 लापता- रेस्क्यू जारी

देहरादून: उत्तराखंड में मॉनसून ने कहर मचा दिया है। भारी से भारी बारिश की चपेट में पूरा प्रदेश है। बारिश के असर को देखते हुए सरकार और प्रशासन आसमानी आपदा से निपटने की कोशिशों में जुटे हैं। निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है। पहाड़ों पर लोगों की यात्रा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

भारी बारिश के बाद चार धाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। ट्रेक रूट पर भीमभली के पास भूस्खलन के बाद केदारनाथ घाटी पूरी तरह से कट गई, जिससे करीब 450 लोग फंस गए। वहीं, केदारनाथ राजमार्ग सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच बह गया। नतीजतन, तीर्थस्थल के लिए चार धाम यात्रा रोक दी गई है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वयं पूरे मामले की देखरेख में जुटे हैं। सीएम कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि केदारनाथ ट्रेकिंग रूट पर कई जगहों पर भूस्खलन के कारण तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने और भारी बारिश से हुए भूस्‍खलन में 16 लोगों के लापता होने की सूचना है। एक हजार यात्री अब भी केदारनाथ धाम में फंसे हुए हैं। विभिन्‍न पड़ावों पर फंसे 4000 से अधिक तीर्थयात्रियों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस ने निकालकर सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया गया। इनमें से 700 का हेलीकॉप्‍टर रेस्‍क्‍यू किया गया। बाकी फंसे यात्रियों को रेस्‍क्‍यू किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायु सेना शुक्रवार से केदारनाथ में चल रहे बचाव अभियान में शामिल होगी। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली, रामबाड़ा, लिनचोली में फंसे लगभग 425 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। सोनप्रयाग और भीमबली के बीच फंसे लगभग 1100 लोगों को वैकल्पिक मार्ग के जरिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

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