चंडीगढ़: पंजाब सरकार और पटवारी-कानूनगो में टकराव की स्थिति बननी शुरू हो गई है। राज्य में ESMA एक्ट लागू कर दिए जाने के बाद बेशक आज से पटवारी-कानूनगो कलम छोड़ हड़ताल पर नहीं गए हैं लेकिन वह आज से सिर्फ अपने मुहाल (पटवार सर्किल) में ही काम करेंगे। पटवारियों ने साफ कर दिया है कि वह अतिरिक्त 5-5 और 6-6 सर्किलों में काम नहीं करेंगे।
दी रेवेन्यू पटवार यूनियन के प्रधान हरवीर सिंह ढींडसा ने चुनौती दी है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने वायदे के अनुसार बेरोजगारों को इन 3000 सर्कल में पैन लेकर बैठा दें। यूनियन इसका स्वागत करेगी। पटवारियों ने सरकार को यह भी कहा है कि राज्य के जो 3193 पटवार सर्किल खाली हैं उन पर नई भर्ती कर ले। पटवारी-कानूनगो यूनियन का कहना है कि इस वक्त सिर्फ 1523 पटवारी ही राज्य के सभी 4716 पटवार सर्किलों का काम देख रहे हैं। इसके अलावा भी उन्हें और कई अतिरिक्त जिम्मेदारियां दी गई हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि डिप्टी कमिश्नर अतिरिक्त कामकाज के लिए पटवारियों पर दबाव बनाएंगे तो हाईकोर्ट में उस अधिकारी के नाम से याचिका दायर की जाएगी।
उधर, सरकार भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। सरकार ने भी पटवारियों के पदों को भरने के लिए जो भर्ती की थी और पटवारी अंडर ट्रेनिंग हैं उन्हें फील्ड में उतारने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार ने जल्द ही उनके प्रोबेशन पीरियड में कटौती करके उन्हें खाली पड़े पटवार सर्किलों की जिम्मेदारी सौंप सकती है। हालांकि पिछले दिनों सरकार ने ही इन अंडर ट्रेनिंग पटवारियों का प्रशिक्षण पीरियड कम करने के बाद दोबारा बढ़ा दिया था।
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Situation of conflict between Punjab government and Patwari-legal personnel, after implementation of ESMA, employees took this big decision