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नया बाजार अवैध निर्माण मामला: आखिर क्यों नहीं दिखी ATP रविंदर कुमार और इंस्पैक्टर नरिंदर मिड्डा को सरेआम हो रही Illegal Construction, निगम कमिश्नर द्वारा शो कॉज नोटिस जारी, लापरवाही या भ्रष्टाचार? होगी जांच

जालंधर: जालंधर के व्यस्त बाजार सैदा गेट के नया बाज़ार में शुक्रवार को चार दुकानों के ऊपर हो रहे अवैध निर्माण के दौरान लेंटर गिर जाने के मामले में नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन ने सख्त कार्रवाई करते हुए दो अधिकारियों को शो कॉज नोटिस जारी किया है। इस घटना के बाद शहर में हड़कंप मच गया था।

नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए असिस्टेंट टाउन प्लानर (ATP) रविंदर कुमार और बिल्डिंग इंस्पेक्टर नरिंदर मिड्डा को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही मामले की जांच एमटीपी (MTP) इकबालप्रीत सिंह रंधावा को सौंपी गई है।

आखिर क्यों नहीं दिखी ATP रविंदर कुमार और इंस्पैक्टर नरिंदर मिड्डा को सरेआम हो रही Illegal Construction, आफ़त में डाल दी लोगों की जान

सैदा गेट के नया बाजार में अवैध रूप से बन रही दुकानों का लेंटर गिर जाने से कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। गनीमत रही कि इस घटना में किसी की जान नहीं गई। हालांकि एक दुकानदार दो चार सेकंड पहले ही नीचे से गुजरा था और उस के बाद लेंटर गिर गया। इस घटना के बाद नगर निगम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी अधिकारियों को शो कॉज नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही, मामले की जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

यह निगम अधिकारी रिश्वतखोर हैं या सिरे के निकम्मे और लापरवाह? निष्पक्ष जांच से होगा मामले का खुलासा

हैरानी की बात यह हैं कि भीड़-भाड़ वाले नया बाज़ार में सरेआम कई महीनों से यह अवैध निर्माण हो रहा था और ATP रविंदर कुमार और इंस्पैक्टर नरिंदर मिड्डा को सरेआम हो रही Illegal Construction आखिर दिखाई क्यों नहीं दी, दाल में कुछ काला नजर आ रहा हैं, सवाल उठ रहे हैं कि इस अवैध निर्माण का काम क्यों नहीं रोका गया, वही सरकार से हर महीने भारी भरकम तनख्वाह लेने वाले ATP रवींद्र और इंस्पेक्टर नरेंद्र की क्या कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। अगर किसी की जान चली जाती तो कौन जिम्मेदार होता।

अब देखना यह होगा कि जांच में क्या सामने आता हैं इस अवैध निर्माण के खिलाफ अभी तक एक्शन न होने के पीछे क्या निगम अधिकारियों की बिल्डिंग मालिक से कोई भ्रष्टाचार की डील हुई थी या निगम अधिकारी ही बेहद लापरवाह हैं और सिरे के निकम्मे हैं जिन की वजह से लोगों की जान तक आफत में आ गई थी। अब देखना यह होगा कि इन निगम अधिकारियों के खिलाफ निष्पक्षता से जांच होती हैं या जांच भी करप्शन की भेंट चढ़ेगी।

 

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Why did ATP Ravinder Kumar and Inspector Narinder Midda not notice the illegal construction happening openly?