नई दिल्ली: रूस की ओर से अचानक यूक्रेन पर हमला करने के कारण वहां फंसे हुए भारतीय, जिनमें अधिकतर छात्र हैं, काफी मुश्किल समय का सामना रहे हैं। बैंक बंद हैं और ज्यादातर एटीएम मशीनों में पैसे नहीं हैं। रूस के हमले के बाद यूक्रेन में हालात बिगड़ने पर वहां फंसे सैकड़ों भारतीय छात्रों ने बृहस्पतिवार को सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील की।
टेलींपोर नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र एवं बिहार के सिवान निवासी आर्यमान भारती (21) को अपने बचे हुए रुपयों को डॉलर में बदलवाने के लिए एक दुकान पर करीब 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने बातचीत में कहा कि बैंक बंद हैं और ज्यादातर एटीएम मशीनों में पैसे नहीं हैं।
यही वजह है कि मुझे रुपए को बदलने के लिए यहां आना पड़ा क्योंकि मुझे जरूरी सामान खरीदना है। उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए तनाव की वजह से कई छात्र दहशत में हैं। देश में मार्शल लॉ लगा दिया गया है और खाद्य आपूर्ति सीमित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हमें सलाह दी गई है कि एक हफ्ते का राशन और जरूरी सामान स्टॉक कर लें लेकिन जमाखोरी से बचने के लिए स्टोर मालिक हमें सीमित मात्रा में ही दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि आर्यमान उन 1500 भारतीय छात्रों में से हैं, जिन्हें इस तरह से अचानक आक्रमण की आशंका नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि हमें एक सप्ताह के राशन और आवश्यक सामान स्टॉक करने की सलाह दी गई है, लेकिन स्टोर के मालिक हमें रूस की जमाखोरी से बचने के लिए सीमित मात्रा में ही दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि 500 से अधिक साथी छात्र भारत के लिए उड़ान भर चुके हैं। उन्होंने कहा, हमें रूस द्वारा सैन्य कार्रवाई की उम्मीद थी, लेकिन यह नहीं सोचा था कि यह इतनी जल्दी हो जाएगा। हम में से कई लोगों ने मार्च के पहले सप्ताह में भारत के लिए अपनी उड़ानें बुक कर रखी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि एयरलाइंस ने उन लोगों से भारी शुल्क वसूल किया, जो तुरंत यूक्रेन छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमारे कुछ दोस्तों ने अपने टिकट के लिए दो लाख रुपए तक का भुगतान किया है।
Deteriorating situation in Ukraine: Shops-banks closed, ATMs run out of money, Indians in trouble