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इस तारीख से खुल रहे हैं देशभर के स्कूल, इन बातों का रखना होगा ध्यान

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते देशभर के स्कूल लंबे समय से बंद हैं. छात्र अपने घरों में रहने पर मजबूर हैं। लेकिन अब एक बार फिर छात्र अपने स्कूल जा सकेंगे। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्कूलों को 21 सितंबर से फिर से खोलने की अनुमति दी है। 21 सितंबर से स्कूल 9वीं क्लास से 12वीं क्लास के छात्रों के लिए खोले जा सकेंगे। मंत्रालय ने इन कक्षाओं को आयोजित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि स्कूल आने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। एसओपी के अनुसार 9वीं से 12वीं क्लास के छात्र अगर अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए स्कूल जाना चाहें तो वे जा सकेंगे. लेकिन इसके लिए छात्रों को अपने अभिभावकों से लिखित में इजाज़त लेनी होगी। चलिए जान लेते है किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है…

 

 

छात्र स्वेच्छा से जाएंगे
स्कूलों में 21 सितंबर के बाद सिर्फ 9-12वीं के छात्रों को शिक्षक से सलाह लेने के लिए स्वेच्छा से जाने की अनुमति दी गई है। इसके लिए अभिभावकों की लिखित अनुमति होनी चाहिए। 50 फीसदी शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ को स्कूलों में जाने की अनुमति दी गई है। बीमार कार्मिकों एवं गर्भवती महिला कार्मिकों को जाने की मनाही है।

 

 

स्कूल से ही ऑनलाइन कक्षाएं
स्कूलों में शिक्षक वहीं से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर सकेंगे। इस दौरान यदि कुछ छात्र चाहें तो वहां बैठकर भी पढ़ सकते हैं। स्वेच्छा से पढ़ने के इच्छुक छात्रों को शिक्षक अलग-अलग टाइम स्लाट दे सकते हैं। हालांकि, छात्रों, शिक्षकों के बीच नोटबुक, पेन, पेंसिल आदि की शेयरिंग नहीं की जाएगी।

 

 

 

स्कूल में प्रार्थना नहीं
स्कूलों में प्रार्थनाएं, खेलकूद आदि कार्यक्रम नहीं होंगे। स्कूल-कॉलेजों में स्वीमिंग पूल आदि भी बंद रहेंगे। सभी शिक्षण संस्थानों को हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के नंबर भी प्रदर्शित करने होंगे।

 

इनका भी रखना होगा ध्यान
-एसी को लेकर पूर्व के नियम रहेंगे जो 24-30 डिग्री के बीच रहेगा। कमरों में वेंटिलेशन होना चाहिए।
-आरोग्य सेतु एप की बाबत कहा गया है कि जहां तक संभव हो सके, यह फोन में होना चाहिए। थूकने पर सख्त पाबंदी होगी।
-कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थित स्कूल और शिक्षण संस्थानों को ही खुलने की अनुमति होगी। इस प्रकार जो कार्मिक या छात्र कंटेनमेंट जोन के भीतर रह रहे होंगे, उन्हें स्कूल या कालेज आने की अनुमति नहीं है।
-सभी संस्थानों में एक आइसोलेशन रूम भी बनाना होगा, जहां जरूरत पड़ने पर संभावित मरीज को रखा जा सके।
-स्कूल-कॉलेजों को मास्क, सैनिटाइजर आदि का भी पर्याप्त इंतजाम करना होगा।

 

 

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