जालंधर: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब में किसानों पर हो रहे पुलिस के एक्शन के खिलाफ आगामी 28 मार्च 2025 को देशभर में जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। एसकेएम ने पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह कॉरपोरेट ताकतों और कॉरपोरेट समर्थक केंद्र सरकार के दबाव में काम कर रही है। मोर्चा ने सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर इस एक्शन के खिलाफ आवाज उठाने और विरोध प्रदर्शन के अपने अधिकार की रक्षा करने की अपील की है।
किसान संगठनों ने अपनी प्रमुख मांगों को भी दोहराया है, जिनमें स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% फॉर्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागू करना, किसानों के कृषि ऋण को माफ करना और राष्ट्रीय कृषि नीति विरोधी कानून (एनपीएफएएम) के खिलाफ देशव्यापी स्तर पर एक बड़ा आंदोलन शुरू करना शामिल है।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने हाल ही में शंभू और खनौरी बॉर्डर से प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया था। प्रशासन ने सड़कों पर लगाए गए सीमेंट के ब्लॉक और भारी कंक्रीट को पूरी तरह से हटाकर मार्ग को लगभग साफ कर दिया है। इसके साथ ही, पंजाब से हरियाणा की ओर जाने वाली एक तरफ की सड़क को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है और करीब 13 महीने से बंद पड़े सभी इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी बहाल कर दी गई हैं।
इस बीच, पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंह सिंधु ने किसान आंदोलन को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि किसान भविष्य में दोबारा आंदोलन का रुख करते हैं, तो पुलिस भी इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने की योजना ‘क्लीन स्विप’ के तहत बनाई गई थी।
बता दें कि खनौरी बॉर्डर पर लगभग 600 किसान मौजूद थे, जिनमें से 400 से अधिक किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भी एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, जिन्हें वापस लेने के लिए किसानों को आवश्यक दस्तावेज और एक गवाह प्रस्तुत करना होगा।
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Samyukta Kisan Morcha made a big announcement regarding police action on farmers