चंडीगढ़: फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में एक दुखद घटना घटी है। 14 दिसंबर को सल्फास निगलने वाले किसान रणजोध सिंह की आज सुबह पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। उनकी मौत से आंदोलन में शोक की लहर दौड़ गई है।
रणजोध सिंह खन्ना के गांव रतनहेड़ी के रहने वाले थे। उन्होंने 14 दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच के प्रयास के दौरान शंभू बॉर्डर पर सल्फास खा लिया था, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लगभग तीन दिनों तक चले इलाज के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
किसान की मौत की खबर मिलते ही आंदोलन स्थल पर किसानों की एक आपात बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में मृतक के अंतिम संस्कार और आगे की रणनीति पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, कई प्रमुख किसान नेता अपने-अपने क्षेत्रों में रेल रोको आंदोलन में भाग लेने गए हुए हैं, इसलिए मोर्चे द्वारा सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार किया जा रहा है।
किसानों के अनुसार, रणजोध सिंह लंबे समय से किसान आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी कुलदीप कौर, एक बेटा, एक बेटी (जिसकी शादी हो चुकी है) और बुजुर्ग परिजन हैं। किसानों का कहना है कि रणजोध सिंह काफी समय से आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
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Sad news came from Shambhu border, wave of mourning in farmers’ movement