चंडीगढ़: पंजाबवालों के लिए एक राहत भरी खबर है। राज्य सरकार राशन वितरण प्रणाली में बड़े बदलाव करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभ उठाने वाले लोगों को राशन कार्ड की ज़रूरत नहीं होगी, बल्कि उन्हें स्मार्ट कार्ड के जरिए राशन मिलेगा।
राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए एक एजेंसी नियुक्त कर रहा है। यह एजेंसी 40 लाख स्मार्ट कार्ड बनाने और उन्हें वितरित करने का काम करेगी। विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव भी मांगे हैं। सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी के चयन के बाद स्मार्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि 6 सप्ताह में 33% कार्ड तैयार हो जाएंगे, जिसके बाद उन्हें लोगों तक पहुंचाया जाएगा। अगले 2 महीनों में 66% कार्ड तैयार होने की उम्मीद है।
स्मार्ट कार्ड के कई फायदे हैं। सबसे पहले, पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन को छूते ही लाभार्थी परिवार की पूरी जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी, जिससे राशन वितरण में पारदर्शिता और सुगमता आएगी। इस नई व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विभाग ने 14,400 पीओएस मशीनों की व्यवस्था भी की है। यह कदम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अतिरिक्त, फर्जी लाभार्थियों की पहचान करना आसान हो जाएगा, जिससे सही लाभार्थियों तक ही राशन पहुंचेगा। अंत में, विभाग के पास लाभार्थियों का रियल टाइम डेटा अपडेट रहेगा, जिससे योजना की निगरानी और प्रबंधन में सुधार होगा।
वर्तमान में, प्रदेश में 14,000 डिपो होल्डर हैं। प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को प्रति माह 5 किलो गेहूं दिया जाता है। यदि परिवार में 4 सदस्य हैं, तो लाभार्थी परिवार को 3 महीने में 60 किलो गेहूं दिया जाता है, जो एक साथ दिया जाता है। स्मार्ट कार्ड बनने के बाद राशन कार्ड की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिससे राशन वितरण प्रक्रिया सरल और अधिक कुशल हो जाएगी। इस बदलाव से न केवल जनता को सुविधा होगी, बल्कि सरकार को भी फ़ायदा होगा क्योंकि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
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