नई दिल्ली : योग गुरु रामदेव पर उनके उस बयान पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने तंज कसा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की आबादी नियंत्रित करने के लिए ‘तीसरे बच्चे को वोट का अधिकार छीन लेना चाहिए।’ ओवैसी ने तंज भरा ट्वीट करते हुए रामदेव पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केवल इसलिए अपना वोट का अधिकार नहीं खोना चाहिए क्योंकि वह अपने माता-पिता के तीसरे बच्चे हैं।
ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘लोगों को असंवैधानिक बातें कहने से रोकने के लिए कोई कानून नहीं है, लेकिन रामदेव के विचारों पर अनुचित ध्यान क्यों दिया जाता है? वह अपने पेट के साथ कुछ कर सकते हैं या अपने पैरों को घुमा सकते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि नरेंद्र मोदी अपना वोट देने का अधिकार सिर्फ इसलिए खो दें, क्योंकि वह तीसरी संतान हैं।’ बता दें, पीएम मोदी दामोदरदास मोदी और हीराबा मोदी की तीसरी संतान हैं। पीएम मोदी का गुजरात के वाडनगर में 17 सितंबर 1950 में जन्म हुआ था।
योग गुरू रामदेव ने रविवार को देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिये कानून लाये जाने की वकालत करते हुए कहा था कि दो बच्चों के बाद पैदा होने वाले बच्चे को मताधिकार, चुनाव लड़ने के अधिकार तथा अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाना चाहिए. हरिद्वार में एक संवाददाता सम्मेलन में स्वामी रामदेव ने कहा था कि जिस तरह से देश की जनसंख्या बढ़ रही है उसके लिये भारत तैयार नहीं है और किसी भी दशा में भारत की आबादी 150 करोड से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। साथ ही स्वामी रामदेव ने कहा था, ‘यह तभी हो सकता है जब देश में ऐसा कानून बने कि जो भी दो से ज्यादा बच्चे पैदा करे तो उसके बच्चे को वोट देने का अधिकार न हो, चुनाव लड़ने का अधिकार न हो और सरकार की ओर से जो सुविधायें दी जाती हैं, उन सभी सुविधाओं से उसे वंचित कर दिया जाये।’ ओवैसी ने रविवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल जुबानी बातें करते हैं कि अल्पसंख्यक भय के वातावरण में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे और उनकी पार्टी भाजपा पिछले पांच साल से यह ‘पाखंड’ कर रही है। प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले कहा था कि अल्पसंख्यक भय के वातारवरण में हैं और उन्होंने इसे दूर करने का आह्वान किया था। इस पर ओवैसी ने कहा कि मोदी संकेत नहीं दे रहे, बल्कि इस मुद्दे ने उनको ‘एक्सपोज’ कर दिया है।