चंडीगढ़: पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें एक महीने के भीतर पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे 7 अप्रैल से 9 अप्रैल तक राज्य भर में बसों का संचालन बंद कर देंगे, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। यूनियन ने कहा है कि सरकार की उदासीनता के कारण उन्हें यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि वे आम जनता को परेशानी से बचाना चाहते हैं।
यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए 13 मार्च से जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने की भी घोषणा की है। इसके लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली गई है।
यह निर्णय यूनियन के कर्मचारियों की एक बैठक में लिया गया, जिसमें पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह ने अध्यक्षता की। वरिष्ठ प्रधान हरकेश कुमार विक्की और गुरप्रीत सिंह पन्नू ने बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 1 जुलाई, 2024 को परिवहन कर्मचारियों की मांगों को एक महीने के भीतर हल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सात-आठ महीने बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
यूनियन नेताओं ने आगे बताया कि इस मामले को देखने के लिए एक कमेटी भी गठित की गई थी और पंजाब के परिवहन मंत्री ने भी मांगों को जल्द पूरा करने का भरोसा दिलाया था। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को परिवहन विभाग की एक विशेष नीति के तहत नियमित किया जाना है और यूनियन ने पड़ोसी राज्यों में कर्मचारियों के नियमितीकरण से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज कमेटी को सौंप दिए थे।
यूनियन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे हड़ताल पर जाने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगों पर ध्यान न देने के कारण उन्हें यह रास्ता अपनाना पड़ रहा है। हड़ताल के दौरान राज्य भर में 577 रूटों पर पीआरटीसी की 1200 से अधिक बसों का संचालन प्रभावित हो सकता है। ऐसे में, यदि सरकार समय रहते यूनियन की मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं करती है, तो पंजाब के लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
View this post on Instagram
punjab roadways employees made a big announcement