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इस प्रोजेक्ट के लिए World Bank और AIIB से 210 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज लेगी पंजाब सरकार, जानें इसके बारे में

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार पंजाब म्युनिसिपल सर्विस इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट (पीएमएसआईपी) के तहत अमृतसर और लुधियाना के लिए नहर आधारित जलापूर्ति परियोजना के लिए विश्व बैंक/एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) से 210 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्जा मांगेगी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में शुक्रवार को राज्य कैबिनेट ने इस तरह का कर्ज लेने का फैसला लिया।

मंत्रीमंडल ने मुख्यमंत्री को प्रोजैक्ट के उद्देश्यों की पूर्ति और विश्व बैंक /ए.आई.आई.बी. द्वारा प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों के सफलतापूर्वक और समयबद्ध ढंग के साथ लागू करने को यकीनी बनाने संबंधी कोई भी फ़ैसला लेने का अधिकार दिया। इस प्रस्तावित प्रोजैक्ट पर लगभग 300 मिलियन डॉलर खर्च होने की उम्मीद है, जिसमें से इंटरनेशनल बैंक फॉर रीकंस्ट्रकशन एंड डिवेल्पमेंट (आई.बी.आर.डी.) द्वारा 70 प्रतिशत और पंजाब सरकार द्वारा 30 प्रतिशत निवेश किया जाएगा। मंत्रीमंडल को बताया गया कि अलग-अलग स्थानों पर गहरे बोर ट्यूबवैलों के द्वारा लुधियाना और अमृतसर कस्बों के निवासियों को मौजूदा जल आपूर्ति मुहैया करवाई जा रही है।

हालांकि, समय बीतने के साथ भूजल का स्तर कम हो रहा है जिससे ट्यूबवैलों को बार-बार बदलने की ज़रूरत पड़ती है। साथ ही, ट्यूबवैलों में पानी का बहाव कम हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप निवासियों को अक्सर पीने के लिए अपर्याप्त पानी मिलने की शिकायत होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए, अब विश्व बैंक/एआईआईबी की सहायता से 210 अमेरिकी डॉलर का ऋण मांग कर इन दोनों शहरों में नहर आधारित पानी की आपूर्ति को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। अमृतसर शहर के लिए नहर आधारित जलापूर्ति का कार्य किया गया है। पहले से ही सम्मानित किया जा चुका है, जबकि लुधियाना शहर के प्रस्ताव के लिए अनुरोध किया जा रहा है।

इस परियोजना की कार्यान्वयन अवधि कार्य सौंपे जाने के बाद 3 वर्ष की होगी। जिक्रयोग है कि जून 2018 में, राज्य सरकार ने आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), भारत सरकार के माध्यम से अमृतसर और लुधियाना में 24X7 नहर आधारित जलापूर्ति परियोजनाओं को लागू करने में पंजाब का समर्थन करने के लिए विश्व बैंक से अनुरोध किया था। विश्व बैंक से तकनीकी सहायता (टी.ए.) के साथ, 2015 में दोनों शहरों के लिए पूर्व-संभावित रिपोर्ट तैयार की गई जिनको 2019 में अपडेट किया गया, जिसमें तेजी से घटते और दूषित हो रहे भूजल की जगह नहरी पानी को विकल्प बनाने की ज़रूरत का प्रस्ताव दिया था।

Punjab government will take a loan of US $ 210 million from World Bank and AIIB for this project, know about it