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पंजाब: छात्रों में पढ़ने की आदत विकसित करने का लक्ष्य, स्कूलों के लिए शिक्षा मंत्री ने कर दिया बड़ा ऐलान

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्रों के बीच पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने सरकारी स्कूलों की पुस्तकालयों के लिए किताबें खरीदने के लिए 15 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राशि जारी की है।

पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री, स. हरजोत सिंह बैंस ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह अनुदान राशि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों को प्रदान की जाएगी। प्राथमिक विद्यालयों को 5,000 रुपये, मध्य विद्यालयों को 13,000 रुपये, और उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को 15,000 रुपये की राशि आवंटित की गई है।

मंत्री बैंस ने बताया कि इन पुस्तकों के चयन के लिए एक राज्य स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली और विविध प्रकार की पठन सामग्री उपलब्ध हो। समिति द्वारा चयनित पुस्तकें छात्रों के शैक्षणिक और बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।

स. हरजोत सिंह बैंस ने शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब को अग्रणी बनाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य पंजाब को शिक्षा प्रणाली में देश का सबसे आगे राज्य बनाना है। मैं स्वयं स्कूलों का दौरा कर रहा हूं, छात्रों और शिक्षकों से प्रतिक्रिया ले रहा हूं, और इस जानकारी का उपयोग भविष्य की शिक्षा नीतियों को बनाने में कर रहा हूं।”

उन्होंने शिक्षकों से छात्रों को परीक्षाओं के बाद पुस्तकों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने साहित्य, समाज, विरासत, संस्कृति और दुनिया के बारे में ज्ञान प्राप्त करने में पुस्तकों के महत्व पर प्रकाश डाला। मंत्री बैंस ने मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की दूरदर्शिता का उल्लेख करते हुए कहा कि पंजाब सरकार मौजूदा स्कूल पुस्तकालयों को आधुनिक बनाने और राज्य की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने के लिए यह अनुदान राशि प्रदान कर रही है।

जिला-वार अनुदान वितरण
सरकार द्वारा जारी अनुदान राशि का जिला-वार विवरण इस प्रकार है: अमृतसर (98.44 लाख रुपये), बरनाला (24.99 लाख रुपये), बठिंडा (57.64 लाख रुपये), फरीदकोट (33.33 लाख रुपये), फतेहगढ़ साहिब (51.22 लाख रुपये), फाजिल्का (55.26 लाख रुपये), फिरोजपुर (61.51 लाख रुपये), गुरदासपुर (113 लाख रुपये), होशियारपुर (128.37 लाख रुपये), जालंधर (107.24 लाख रुपये), कपूरथला (61.44 लाख रुपये), लुधियाना (123.87 लाख रुपये), मालेरकोटला (21.97 लाख रुपये), मानसा (41.59 लाख रुपये), मोगा (50.41 लाख रुपये), मोहाली (50.13 लाख रुपये), मुक्तसर (47.04 लाख रुपये), एस.बी.एस. नगर (49.99 लाख रुपये), पठानकोट (39.83 लाख रुपये), पटियाला (97.58 लाख रुपये), रूपनगर (63.97 लाख रुपये), संगरूर (60.36 लाख रुपये), तरन तारन (62 लाख रुपये)।

यह पहल पंजाब सरकार की शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने और छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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