होशियारपुर: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक महत्वपूर्ण फैसले में सरकार द्वारा 25 नवंबर 2024 को जारी नोटिफिकेशन की धारा 2.0 को रद्द कर दिया है। इस धारा के तहत 31 जुलाई 2024 से पहले अनाधिकृत कॉलोनियों में खरीदे गए प्लाटों पर बने घरों को पीएसपीसीएल (पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) द्वारा बिजली कनेक्शन नहीं दिया जा रहा था।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस विकास सूरी की डिवीजन बेंच ने होशियारपुर निवासी जयश्री बग्गा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि 31 जुलाई 2024 से पहले रजिस्ट्री कराकर घर बना चुके लोगों को बिजली जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित करना भेदभावपूर्ण, अर्थहीन, मनमाना और पक्षपातपूर्ण है।
याचिकाकर्ता जयश्री बग्गा की ओर से पैरवी कर रहे पंजाब के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता के.एस. डडवाल ने अदालत को बताया कि उनकी क्लाइंट ने 24 सितंबर 2024 को सिल्वर एस्टेट में एक प्लाट खरीदा था और उन्हें 28 मार्च 2022 को पीएसपीसीएल द्वारा अस्थायी बिजली कनेक्शन दिया गया था। हालांकि, विभाग ने 1 अप्रैल 2024 को बिना किसी नोटिस के यह कनेक्शन काट दिया। प्लाट पर घर बनाने के बाद 24 जून 2024 को स्थायी कनेक्शन के लिए आवेदन किया गया, लेकिन कनेक्शन नहीं मिलने पर 4 जुलाई 2024 को पीएसपीसीएल को कानूनी नोटिस भेजा गया।
इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर जयश्री बग्गा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अदालत ने सरकार को चार हफ्तों में इस पर फैसला लेने का आदेश दिया, लेकिन फिर भी बिजली कनेक्शन जारी नहीं किया गया। इसके बाद के.एस. डडवाल ने हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर कर 25 नवंबर 2024 के नोटिफिकेशन की धारा 2.0 को रद्द करने की मांग की, ताकि 31 जुलाई 2024 से पहले पंजीकृत और निर्मित प्लाटों में बिजली कनेक्शन जारी किए जा सकें।
डिवीजन बेंच ने 4 मार्च 2025 को इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे 3 अप्रैल 2025 को सुनाया गया। अदालत ने सरकार के नोटिफिकेशन की धारा 2.0 को रद्द करते हुए पावरकॉम को याचिकाकर्ता को स्थायी बिजली कनेक्शन जारी करने का आदेश दिया है। इस फैसले से होशियारपुर की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्होंने 31 जुलाई 2024 से पहले प्लाट खरीदे थे और घर बना लिए थे।
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PSPCL will have to provide electricity connection to these houses