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PMG अस्पताल ने किया ऑटिज्म अवेयरनेस कैंप का आयोजन, मरीजों को नि:शुल्क लैब जांच के साथ दी गई फ्री दवाइयां

-शुरुआती समय पर ही पहचान व निदान ला सकता है बेहतर परिणाम: डॉ. सुरजीत कौर मदान

जालंधर: World Autism Awareness Day के उपलक्ष्य पर पीएमजी अस्पताल नजदीक आदर्श पैलेस, कपूरथला चौक, जालंधर में रविवार को ऑटिज्म के बोर में सभी लोगों को जागरूक करने के लिए एक फ्री ऑटिज्म अवेयरनेस कैंप का आयोजन किया गया। इस कैम्प में बच्चों के विशेषज्ञ डा. सुरजीत कौर मदान और क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट अतुल मदान उपस्थित थे। उन्होंने आए हुए लोगों को आटिज्म के लक्षणों के बारे में बताते हुए व्याख्यान दिया। टीम में शामिल साइकोलोजिस्ट शीनू कोछड़ तथा पीडियेट्रिक डाइटीशियन सृष्टि ने आए हुए सभी लोगों को ऑटिज्म रिबन लगाया और ‘ऑटिज्म क्या है” के पैम्फलेट वितरित किए, जिससे आम लोग इस अवस्था को पहचान सकें।

इस दौरान कुल 413 मरीजों की जांच की गई। इनमें 163 शिशुओं की जाँच शिशु एवं नवजात विशेषज्ञ डॉ. सुरजीत कौर मदान द्वारा की गई, लगभग 137 गर्भवती महिलाओं और स्त्री रोग रोगियों की जाँच वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरू बाला द्वारा की गई और लगभग 113 सर्जरी रोगियों की जाँच वरिष्ठ सर्जन डॉ. तरुणवीर सिंह द्वारा की गई।

चेकअप के अलावा डॉ. सुरजीत कौर मदान और मनोवैज्ञानिक अतुल मदान ने विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस पर सभी मरीजों व अभिभावकों से बात की और ऑटिज्म के लक्षण बाल रोगी को बताए। उन्होंने बताया कि बच्चे में ऑटिज्म के लक्षण कैसे देखे जा सकते हैं। मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां दी गईं और नि:शुल्क लैब जांच भी की गई। वर्ल्ड ऑटिज्म वेडनेसडे के उपलक्ष पर पीएमजी चिल्ड्रन हॉस्पिटल जालंधर में ऑटिज्म के बारे में सभी लोगों को जागरूक करने के लिए एक फ्री और ऑटिज्म अवेयरनेस कैंप का आयोजन किया गया।

इस कैंप में बच्चों के विशेषज्ञ डॉ. सुरजीत कौर मदान और क्लीनिक साइटोलॉजिक अतुल मदान उपस्थित रहे। उन्होंने आए हुए लोगों को ऑटिज्म के बारे में बताते हुए व्याख्यान दिया टीम में शामिल साइकोलॉजी शिवू कोछड़ तथा डायटिशियन सृष्टि ने आए हुए सभी लोगों को ऑटिज्म अवेयरनेस रिबन लगाए और “ऑटिज्म क्या है” के पंपलेट वितरित किए जिसमें आप लोग इस अवस्था को पहचान सके इस कैंप में शहर के लो व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। जिसमें मुख्य रुप से डॉक्टर रवि पाल डॉक्टर हरवीर मदान डॉक्टर तरुण वीर डॉक्टर वाला डॉक्टर राधिका गुप्ता थे।

यह ध्यान योग्य बात है कि लेटेस्ट सर्वे में हर 44 में से 1 बच्चे को ऑटिज्म स्पेक्टर डिसऑर्डर हो सकता है। जिसकी अगर बातों में अगर पहचान कर ली जाए उसकी स्पीच थेरेपी तथा स्पेशल एजुकेशन जैसे ट्रीटमेंट शुरू कर दिए जाए तो बच्चे की स्थिति में काफी सुधार संभव है। सभी लोगों को ऑटिज्म के लक्षणों को पहचानने की क्षमता करना और समाज में और उनके प्रति जागृत करना था। आयोजक डॉ हरबीर मदान ने आए हुए व्यक्तियों व विशेषज्ञों का धन्यवाद करते हुए आठ समय एक ऐसी अवस्था है जिसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। अंत इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में इन बच्चों के प्रति जागरूकता लाई जा सकती है जिससे इसके दुर्गमि में संचालक परिणाम मिलेंगे।

PMG Hospital organized autism awareness camp