कोलंबोः ईस्टर के मौके पर श्रीलंका के चर्चों तथा होटलों पर हुए 8 सीरियल बम धमाकों के तार पाकिस्तान से जुड़ते नजर आ रहे हैं। इन हमलों में 290 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 500 से आ लोग घायल हैं। खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ मीडिया में भी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि सुसाइड बॉम्बर्स में से एक जहरान हाशिम नेशनल तौहीद जमात का बड़ा नेता था। जहरान हाशिम ही वो शख्स था जो 2018 में पाकिस्तान गया था। जहरान हाशिम श्रीलंका में भगवान बुद्ध की मूर्तियां तोड़ने के बाद से खुफिया एजेंसियों के रडार पर था, हाशिम ही वो शख्स था जो मस्जिदों से हिंदु-बौद्ध और ईसाईयों के खिलाफ तकरीरें किया करता था।
पाकिस्तान को भले ही आधिकारिक तौर पर आतंकी मुल्क घोषित नहीं किया गया हो लेकिन दुनिया के किसी भी मुल्क में आतंकी हमले होते हैं तो हमले की साजिश की पहली नजर पाकिस्तान की तरफ ही जाती है। चाहे वह भारत हो, अफगानिस्तान हो, ईरान हो या दुनिया के कई अन्य मुल्क..जहाँ आतंकी हमले हुए तो इनके तार पाकिस्तान से जुड़ते हुए पाए गये हैं।
सूत्रों के हवाले से मिली खबरों के मुताबिक़, खुफिया एजेंसियों ने अब तक जो इनपुट इकट्ठे किये हैं उनके मुताबिक पिछले कई सालों से आईएसआई श्रीलंका में अपनी पैठ गहरी करने में लगी हुई है। 2012 से 2108 तक भारत के तमिलनाडु में पकड़े गये जासूसों में से अधिकांश श्रीलंका के मुस्लिम थे। इन सबने यह कबूला था कि कोलंबो का पाकिस्तानी दूतावास से उन्हें निर्देश मिल रहे थे। भारत ने डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए श्रीलंका को आगाह किया था कि कोलंबों में आईएसआई का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए ही नहीं बल्कि श्रीलंका के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
बहरहाल, श्रीलंका के सीरियल धमाकों से पाकिस्तान का लिंक मिलते ही श्रीलंका की खुफिया एजेंसी ने भारत में अपने समकक्ष से संपर्क स्थापित कर मदद मांगी है। हालांकि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकी हमलों के तत्काल बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से संपर्क कर सभी तरह का सहयोग का प्रस्ताव दिया है।