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कैथोलिक ‘चिल्ड्रन होम’ में दलालों का काम करती थी नन, पादरी- राजनेताओं से करती थी बच्चों के जिस्म का सौदा- पीड़िता का दर्द जान दहल जाएंगे आप

बर्लिन: जर्मनी में कैथोलिक नन द्वारा चलाए जाने वाले ‘चिल्ड्रन होम’ का भयावह चेहरा सामने आया है। यहां रहने वाले अनाथ बच्चों को नन द्वारा पादरी, राजनेताओं और व्यवसायियों के आगे सेक्स के लिए परोसा जाता था। ‘डेली मेल’ में छपी खबर के अनुसार धर्म की आड़ में चलने वाले इस सेक्स रैकेट का खुलास तब हुआ जब एक पीड़ित ने अदालत से गुहार लगाई। कोर्ट ने पीड़ित व्यक्ति की दलीलों को सुनने के बाद उसे मुआवजा देने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित ने कोर्ट जो कुछ बताया उसे सुनकर हर कोई हिल गया।

5 साल की उम्र से हो रहा था शोषण
जर्मनी में कैथोलिक नन द्वारा संचालित ‘चिल्ड्रन होम’ के खिलाफ 63 वर्षीय व्यक्ति ने Darmstaft Social Welfare Court का दरवाजा खटखटाया था। पीड़ित 1960 और 1970 के दौरान ‘चिल्ड्रन होम’ में रहा था। इस दौरान उसके साथ 1,000 से ज्यादा बार बलात्कार किया गया। इतना ही नहीं, अनाथालय में रहने वाले अन्य बच्चों को भी नन द्वारा पादरी और नेताओं के साथ सेक्स के लिए मजबूर किया जाता था। पीड़ित ने बताया कि पांच साल की उम्र से उसका यौन शोषण किया जा रहा था।

मना करने पर होती थी पिटाई
पीड़ित की पहचान गुप्त रखी गई है। जानकारी के मुताबिक, पीड़ित मार्च 1963 में जर्मन शहर स्पेयर में स्थित ‘चिल्ड्रन होम’ में रहने पहुंचा था, जिसे Order of the Sisters of the Divine Saviour द्वारा चलाया जाता है। महज साल की उम्र में ही ‘चिल्ड्रन होम’ में उसका यौन शोषण शुरू हो गया था। नन द्वारा उसे जबरन पादरी और नेताओं के पास भेजा जाता था और इनकार करने पर उसके साथ मार-पिटाई भी होती थी।

अदालत में पीड़ित ने बताया कि बच्चों को बाहर भेजा जाता था और ‘चिल्ड्रन होम’ में भी उनका यौन शोषण किया जाता था। अनाथालय में एक रूम था, जहां पादरी, नेताओं और अन्य रसूखदार लोगों के सामने 7 से 14 साल के बच्चों को परोस दिया जाता था। वो जब तक चाहते बच्चों के साथ बलात्कार करते। उनकी चीख सुनने वाला वहां कोई नहीं था। पीड़ित ने कहा कि ‘चिल्ड्रन होम’ की नन दलालों की तरह काम करती थीं। यदि कोई उनकी बात मानने से इनकार करता, तो उसे लाठी-डंडों से पीटा जाता था। बच्चों के यौन शोषण के बदले में ननों को पैसा मिलता था।