चंडीगढ़: मंत्रीमंडल ने शुक्रवार को तरस के आधार पर गुरशेर सिंह की बतौर आबकारी और कर इंस्पेक्टर की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी। परन्तु, इसको एक ही बार दी राहत समझा जायेगा और इस मामले को प्रथा नहीं बनाया जाएगा।
बता दें, अमरिंदर सरकार पहले से ही दो विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी दिए जाने का विरोध झेल रही है। अब कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत कांगड़ के दामाद गुरशेर सिंह को तरस के आधार पर आबकारी और कर इंस्पेक्टर बनाया गया है। सीएम कैप्टन अमरिंदर के फैसले का नवजोत सिद्धू गुट विरोध कर रहा है। सिद्धू के करीबी विधायक परगट सिंह ने कहा कि जब पहले विधायकों के बेटों को नौकरी दी गई तो उस वक्त भी उन्होंने विरोध किया था। कांगड़ के दामाद को नौकरी के बारे में उन्हें पता नहीं लेकिन ऐसे फैसलों के बारे में पहले ही कह चुके हैं।
इसके अलावा विरोधी पार्टियों ने भी कैप्टन सरकार पर निशाने साधे हैं। उनका कहना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब घर-घर नौकरी का वादा किया था तो वो असल में कांग्रेस पार्टी के लोगों के लिए कहा था। कैप्टन सरकार के अब गिनती के दिन बचे हैं, इसलिए अपने लोगों का फायदा कर रहे हैं। विरोधी यह भी निशाना साध रहे हैं कि कैप्टन व सिद्धू के बीच चल रही गुटबाजी की वजह से विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए कैप्टन यह फैसले कर रहे हैं।
Now Captain Sarkar, going to give government job to son-in-law of cabinet minister, gave green signal to the appointment of Gursher Singh – fierce opposition