You are currently viewing HMV कॉलीजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में राष्ट्रीय वेबिनार सह इ-कार्यशाला का आयोजन

HMV कॉलीजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में राष्ट्रीय वेबिनार सह इ-कार्यशाला का आयोजन

जालंधर (अमन बग्गा): ‘भौतिकी विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें ब्रह्मांड के सभी भौतिक पहलुओं को समझना एवं मौलिक सिद्धांतों का वर्णन करना है।’ एच.एम.वी. कॉलीजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कॉलेज प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन के उत्साहात्मक दिशा-निर्देशन एवं मीनाक्षी स्याल (स्कूल कोआर्डिनेटर) के योगात्मक नेतृत्व के अन्तर्गत ‘भौतिकी के अद्वितीय एवं अप्रीतम तरीके’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार सह इ-कार्यशाला का आयोजन इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स (आईएपीटी.आर.सी.-2) के सौजन्य से आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य नवीन तकनीकों के माध्यम से विज्ञान के प्रति अपने जनून एवं रूचि को प्रदर्शित करने के लिए छात्राओं को जागृत करना। वेबिनार का शुभारंभ सर्वमंगल कामना हेतु ज्ञान का प्रतीक गायत्री मंत्र का गायन एवं प्रकाश की ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया गया।

 

 

वेबिनार का शुभारंभ करते हुए सर्वप्रथम मीनाक्षी स्याल ने इस वेबिनार को आयोजित करने के उद्देश्य का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि इनका उद्देश्य छात्राओं में रचनात्मक कार्यों के माध्यम से उनमें विषय संबंधी रूचि एवं उत्सुकता को बढ़ाना और उनके मनोबल को उजागर करने हेतु उनके अंदर छिपी प्रतिभा को जागृत करना है। उन्होंने छात्राओं को कहा कि इस महामारी कोविड-19 की परिस्थिति को देखते हुए इस वेबिनार द्वारा प्रदान की गई जानकारी से लाभान्वित होकर छात्राएं घर बैठे ही विभिन्न उपलब्ध वस्तुओं से प्रयोगात्मक प्रयोग करके अपने ज्ञान में बढ़ौतरी कर सकती हैं। अंत में उन्होंने प्राचार्या जी के उत्तम नेतृत्व अधीन आयोजित इन शृंखलात्मक वेबिनार हेतु प्राचार्या जी का धन्यवाद किया।

 

 

तत्पश्चात् प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने इस अवसर पर आमन्त्रित विशेषज्ञ डॉ. जसविंदर सिंह (शिक्षा रत्न राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित) एवं प्रो. वाई.के. विजय (डायरेक्टर, सीआईएसटी, आईआईएस, यूनिवर्सिटी, जयपुर, प्रेजिडेंस आईएपीटी-आरसी-6) का सह्रदय स्वागत किया एवं मीनाक्षी स्याल और उनकी टीम के इस प्रशंसात्मक कार्य की प्रशंसा करते हुए अपने वक्तव्य में विज्ञान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि विज्ञान का जनून सभी वैज्ञानिक तर्कों का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि विज्ञान हमारी बौद्धिक क्षमता को प्रदर्शित करता है तथा छात्राओं के मानसिक विकास में सहायक होता है। अंत में उन्होंने शिक्षकों एवं अभिभावकों को संदेश दिया कि वे छात्राओं की रचनात्मकता को समाप्त न करें बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करें ताकि उनमेें से श्रेष्ठ एवं महान शोधकर्ता और वैज्ञानिकों का उत्थान हो सके एवं युवाओं की वैज्ञानिक सोच देश को नई दिशा प्रदान करती है।

 

 

इस अवसर पर डॉ. जसविंदर सिंह ने छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि एवं जागरूकता को जगाने हेतु अपने प्रयोगों के माध्यम से प्रेरित किया एवं विज्ञान का गणित के साथ संबंध विषय पर ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान की जिसके माध्यम से छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभागिता कर ज्ञान अर्जित किया एवं उन्होंने स्कूल परिसर में स्थापित न्वोन्मेष हब की प्रशंसा की। प्रो. वाई.के. विजय ने पी.पी.टी. के माध्यम से दृश्यमान श्रेणी में क्वांटम विज्ञान की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि भौतिक विज्ञान की मदद से हारमोनिक ओसिलेटर एवं एन हारमोनिक ओसिलेटर किस प्रकार कार्य करती है और साथ ही उन्होंने एटम की कार्यप्रणाली, बनावट, कंपन, रमन अफेक्ट के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी छात्राओं से सांझा की। अंत में सुशील कुमार (आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी, अस्सिटैंट प्रोफेसर इन फिजिक्स विभाग) ने विशेषज्ञों द्वारा प्रदान की गई ज्ञानवर्धक जानकारी की तहे-दिल से प्रशंसा की। डॉ. मेजर सिंह (प्रेजीडेंट आईएपीटी आर सी-2) एवं डॉ. राजीव शर्मा (सचिव, आईएपीटी – आरसी-2) ने साझा रूप से धन्यवाद ज्ञापन ज्ञापित करते हुए समस्त प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। वेबिनार के मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए मंच संचालन जसप्रीत कौर द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर टीचिंग एवं नॉन टीचिंग के सदस्य भी उपस्थित रहे।