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जालंधर के हार्ट सेंटर में मुन्ना भाई कर रहे थे मरीजों की जान से खिलवाड़, डिग्री ऐसी जिसका कोई नाम ही नहीं; ऐसे खुली पूरे मामले की पोल

जालंधर: जालंधर में एक ऐसे डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है जो फर्जी डिग्री के जरिए डॉक्टर बन गया था। उसके पास ऐसी डिग्री थी जिसका कोई नाम ही नहीं है। थाना डिवीजन नंबर-2 में आदर्श नगर स्थित हार्ट सेंटर के डॉ. संजीव पांडे उर्फ संजय कुमार पर सोमवार को आईपीसी की धारा 465,468 व 471 के तहत केस दर्ज किया गया है।

आरोप है कि वह फर्जी डिग्री के जरिए डॉक्टर बन गए थे। डॉ. पांडे पर गुरजैपाल नगर की रहने वालीं जोगिंदर कौर की इलाज में कोताही के आरोप थे, जिनकी मौत हो गई थी। हालांकि, मेडिकल बोर्ड ने जोगिंदर कौर की मौत को लेकर रिपोर्ट में कहा था कि इलाज के दौरान कोई कोताही नहीं बरती गई। यह क्लियर है डॉ पांडे ने फर्जी डिग्री पर डॉक्टरी कर मरीजों के साथ धोखाधड़ी की है।

एसएचओ गुरप्रीत सिंह का कहना है डॉ. पांडे को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। डॉ. पांडे को जांच के लिए तलब किया गया था, मगर वह बुलाने पर नहीं आए थे। जसमेर सिंह ने बीते साल 23 अगस्त को शिकायत दी थी। उन्होंने कहा था उनकी मां जोगिंदर कौर आदर्श नगर में फुटबॉल चौक के पास स्थित उक्त अस्पताल में भर्ती थीं। यहां पर उनकी मौत हो गई थी।

उन्होंने आरोप लगाया था उनकी मां की मौत डॉ. अमित जैन, डॉ. संजीव पांडे, नर्स कुलविंदर कौर और मनजीत कौर की कोताही के कारण हुई है। इसके बाद मेडिकल बोर्ड बनाया था। बोर्ड की जांच में डॉ. पांडे ने डॉक्टरी के प्रमाणपत्र पेश किए थे। शिकायतकर्ता को शक था पांडे फर्जी डाक्टर हैं तो आरटीआई के जरिये बोर्ड से डॉक्टर की । डिग्री की फोटो कॉपी ली थी। जांच में कहा गया कि शिकायतकर्ता की मां की बीते साल 18 अप्रैल को मौत हो गई थी।

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कर्नाटक की यूनिवर्सिटी ने डिग्री को फर्जी बताया
शिकायतकर्ता ने राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस कर्नाटक को आरटीआई के जरिये डॉक्टर पांडे की डिग्री की जानकारी मांगी थी। यूनिवर्सिटी ने दी जानकारी में कहा- एमएएमएस की डिग्री फर्जी है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए थे फर्जी डिग्री के जरिये डॉ पांडे मरीजों का इलाज कर उनकी जिंदगी से खेल रहे थे।

जांच के लिए बार-बार बुलाया गया पर नहीं पहुंचा डॉक्टर
आरोप लगाए थे कि डॉ पांडे ने डॉ. जैन के कहने पर मां का इलाज किया था। इसलिए सभी मां की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। जांच रिपोर्ट में कहा था कि डॉ. पांडे को जांच के लिए बार-बार बुलाया गया। मगर वह नहीं आए। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा है कि डॉ पांडे ने अपनी डिग्री दिखा नौकरी ली। इसमें डॉ जैन की कोई लापरवाही नहीं है।

बीएएमएस के बाद होती है एमएस व एमडी की डिग्री
डॉ. सुनील कुमार, इंचार्ज जिला आयुर्वेदिक अस्पताल, जालंधर ने बताया कि बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसन एंड सर्जरी (बीएएमएस) एक जनरल सर्जन की डिग्री है। इसके बाद स्टूडेंट्स डाक्टरी की पढ़ाई जारी रखने के लिए डॉक्टर ऑफ मेडिसन (एमडी) व मेडिसिन ऑफ सर्जरी (एमएस) में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर सकते हैं। इसमें डॉक्टर अपनी किसी स्पेशलाइजेशन जैसे आईज, सर्जरी, ऑथों, मेडिसिन आदि में कर सकते हैं। जहां तक एमएएमएस की डिग्री का सवाल है। ऐसी डिग्री अभी तक किसी भी मेडिकल कॉलेज व यूनिवर्सिटी में शुरू नहीं की गई है। इसलिए इस डिग्री को मान्य नहीं मान सकते हैं।

 

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Munna Bhai was playing with the lives of patients in the Heart Center of Jalandhar, he has a degree which has no name; This is how the whole matter was exposed