चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक और बड़ा कदम उठाते हुए ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले में भ्रष्टाचारियों को बचाने के आरोप में विजिलेंस ब्यूरो के चीफ समेत तीन सीनियर अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ संदेश दिया है कि जो भी भ्रष्टाचार करेगा या भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है उनमें विजिलेंस ब्यूरो के चीफ एसपीएस परमार के साथ-साथ एआईजी हरप्रीत सिंह और एसएसपी विजिलेंस स्वर्णजीत सिंह शामिल हैं।
यह कार्रवाई हाल ही में रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) के कार्यालयों और ड्राइविंग टेस्ट केंद्रों पर विजिलेंस ब्यूरो द्वारा की गई बड़ी छापेमारी के बाद हुई है। 7 अप्रैल को हुई इन छापेमारी के दौरान रिश्वतखोरी और अन्य अनियमितताओं में लिप्त पाए गए 24 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान कुल 16 एफआईआर दर्ज की गईं और अधिकारियों ने एजेंटों के पास से 4 हजार 900 रुपए नकद भी बरामद किए थे। सरकार का दावा है कि यह राशि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, टेस्ट पास करवाने और अन्य संबंधित सेवाएं उपलब्ध करवाने के एवज में अवैध रूप से वसूली जा रही थी।
इस घोटाले की जांच अभी जारी थी, इसी बीच विजिलेंस के ही वरिष्ठ अधिकारियों पर जांच में बाधा डालने और भ्रष्टाचारियों को बचाने के आरोप लगे, जिसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर यह कड़ी कार्रवाई की गई है। सरकार के इस फैसले से महकमे में हड़कंप मच गया है और यह संकेत दिया गया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की आगे की जांच जारी है और इसमें और भी खुलासे होने की संभावना है।
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Mann government takes big action in driving license scam