नई दिल्लीः आज मकर संक्रांति का त्योहार है। ये दिन भगवान सूर्य और शनि को समर्पित है। इस दिन खरीफ की फसलों चावल, चना, मूंगफली, गुड़, तिल और उड़द जैसी चीजों से बनी सामग्री से भगवान सूर्य और शनि देव की पूजा की जाती है। मकर संक्रांति के दिन चावल और उड़द दाल की खिचड़ी बनाकर भगवान सूर्य को भोग लगाया जाता है और सभी लोग इसे प्रसाद के रूप में खाते हैं और दूसरों के घर भी भेजते हैं।
मकर संक्रांति के दिन हर साल घरों में खिचड़ी बनाने की परंपरा है। इसीलिए इस त्योहार का एक नाम खिचड़ी भी है। लेकिन इस बार खिचड़ी के त्योहार पर खिचड़ी खाने को लेकर लोगों में असमंजस काफी है। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि गुरुवार के दिन खिचड़ी नहीं खानी चाहिए। मान्यता है कि गुरुवार के दिन खिचड़ी खाने से धन की हानि तो होती ही है, वो और भी गरीब हो जाते हैं।
लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष भी है और वो ये है कि संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने से सूर्यदेव अति प्रसन्न होते हैं और शनि के प्रतिकूल प्रभाव में कमी आती है। लेकिन अगर आप गुरुवार के दिन खिचड़ी खाने को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं, तो आपको बता दें कि इस बार मकर संक्रांति के दिन गुरु, सूर्य और शनि सभी मकर राशि में स्थित हैं। ऐसे में आपके खिचड़ी का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करने से खिचड़ी खाने का दोष नहीं लगेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ये नवग्रहों का प्रसाद माना जाएगा।
शास्त्रों में भी ऐसा कहा गया है कि, प्रसाद किसी भी दिन किसी भी रूप में ग्रहण किया जा सकता है, वो किसी भी तरह से दोषपूर्ण नहीं होता है। दूसरी बात ये भी है कि इस दिन खिचड़ी में प्रयोग में आने वाली चीजें जैसे चावल, उड़द की दाल, घी और नमक दान भी की जाती है। जिससे सभी प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।प्रसाद किसी भी दिन किसी भी रूप में ग्रहण किया जा सकता है, वो किसी भी तरह से दोषपूर्ण नहीं होता है। दूसरी बात ये भी है कि इस दिन खिचड़ी में प्रयोग में आने वाली चीजें जैसे चावल, उड़द की दाल, घी और नमक दान भी की जाती है।