मुंबईः महाराष्ट्र में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना की एकजुटता के आगे भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनाने के चौथे दिन ही उसके मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिससे उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए बुधवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के निर्देश देने के बाद तेजी से बदले घटनाक्रम में पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद फडनवीस ने अपने इस्तीफे की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने राजभवन जा कर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी काे अपना इस्तीफा सौंप दिया।
शुक्रवार को कांग्रेस ,राकांपा और शिवसेना के बीच सरकार के गठन की सहमति बन जाने की खबर आई थी और इन दलों के सरकार बनाने की चर्चा शुरु हो गयी थी लेकिन अगली सुबह ही राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया और राज्यपाल ने फडनवीस को मुख्यमंत्री पद तथा पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी। अजित पवार के इस कदम से भौचक्का उनके चाचा और राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह फैसला पार्टी का नहीं है और उन्होंने पार्टी विधायकों को एक जुट करना शुरु किया और शाम तक ज्यादातर विधायक उनके साथ आ खड़े हुए। यहां तक कि जो विधायक अजित पवार के साथ शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था वे भी पार्टी के साथ आ गए और अजित पवार अलग थलग पड़ गए।
भाजपा के सरकार बनाने के इस कदम ने राज्य में सरकार बनाने के प्रयासों में लगी कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना की एकजुटता को और मजबूती प्रदान की। इन तीनों दलों ने कल यहां के होटल में अपने विधायकों को मीडिया के सामने प्रस्तुत कर कहा कि उनके साथ 162 विधायक हैं।