You are currently viewing महाकुंभ 2025: स्नान के बाद जरूर करें इन चीजों का दान, पितर होंगे प्रसन्न!

महाकुंभ 2025: स्नान के बाद जरूर करें इन चीजों का दान, पितर होंगे प्रसन्न!

प्रयागराज: हिंदू धर्म के सबसे बड़े समागम, महाकुंभ 2025 का प्रयागराज में भव्य शुभारंभ हो चुका है। मकर संक्रांति के अवसर पर लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से पापों का नाश होता है और देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, स्नान के पश्चात कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

महाकुंभ में स्नान के बाद दान का विशेष महत्व है। विभिन्न वस्तुओं के दान से अलग-अलग प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख दान इस प्रकार हैं:

अन्न दान: अन्न दान को हिंदू धर्म में ‘महादान’ कहा गया है। कुंभ स्नान के बाद अन्न का दान करने से आत्मिक संतोष और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

वस्त्र दान: जरूरतमंदों को वस्त्र दान करने से धर्म लाभ मिलता है और उन्हें राहत पहुँचती है। अपनी क्षमतानुसार वस्त्र दान अवश्य करें।

गंगाजल दान: महाकुंभ से लाए गए पवित्र गंगाजल को घर में रखना शुभ माना जाता है, साथ ही इसका दान करने से भी लाभ मिलता है। इस जल को मंदिरों या जरूरतमंदों को दिया जा सकता है। इससे आत्मिक शांति मिलती है।

धन दान: अपनी सामर्थ्य के अनुसार धन का दान भी किया जा सकता है। अनाथालयों या वृद्धाश्रमों में दान करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

तिल और गुड़ दान: तिल और गुड़ का दान शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। मकर संक्रांति पर स्नान करने वालों के लिए यह दान विशेष फलदायी है, जिससे सूर्य ग्रह मजबूत होता है और करियर में उन्नति होती है।

गौ और अनाज दान: गौ और अनाज का दान ‘महादान’ माना जाता है। गौशालाओं में गाय या अनाज का दान करने से कई परेशानियाँ दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

महाकुंभ एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, जिसमें स्नान और दान के माध्यम से श्रद्धालु पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Jaspreet Singh (@akstudyvisa1)

Maha Kumbh 2025: After taking bath, definitely donate these things