झारखंडः हिन्दू मुस्लिम एकता, सांप्रदायिक सद्भाव, धर्मनिरपेक्षता की बातें करने वाले कथित बुद्धिजीवी, राजनेता इस क्रूर वारदात पर पूरी तरह चुप्पी साध चुके हैं. इस क्रूरतम हमले में 12 लोग घायल हैं, जिनमें दो पुलिसकर्मी हैं, जिन्होंने उन्मादियों के हमले से श्रीराम भक्तों को बचाने की कोशिश की थी लेकिन हिन्दू मुस्लिम एकता की बात करने वाला कोई भी धर्मनिरपेक्ष ठेकेदार इस घटना पर मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं. आखिर क्यों? इसलिए क्योंकि ये हमला श्रीरामनवमी शोभायात्रा पर किया गया है तथा उन लोगों ने किया है जिन्हें हिंदुस्तान की कथित सेक्यूलर राजनीति शांतिप्रिय कहती है? अगर हमला करने वाले ये लोग शांतिप्रिय हैं तब दंगाई किसको कहा जाएगा?
मामला झारखंड के रामगढ़ जिले के सिलनी गाँव का है जहाँ श्रीराम नवमी शोभायात्रा पर मजहबी उन्मादी टूट पड़े तथा कश्मीरी अंदाज में भयंकर पत्थरबाजी की. उन्मादियों के इस हमले में क अंचल अधिकारी (सीओ) एवं एक सहायक पुलिस निरीक्षक समेत 12 लोग घायल हो गए. रामगढ़ की पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी ने बताया कि शनिवार शाम जब रामनवमी का जुलूस सिलनी गांव से होकर गुजर रहा था उसी समय दूसरे संप्रदाय के लोगों ने यह सोचकर कि जुलूस में शामिल लोग अपना रास्ता बदल रहे हैं उन पर पथराव शुरू कर दिया जबकि जुलूस अपने निर्धारित मार्ग पर ही था. इसके कारण दोनों पक्षों में झड़प हो गयी जिसमें 12 लोग घायल हो गये.
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों में हुई पत्थरबाजी में सीओ किरण सोरेन और सहायक पुलिस निरीक्षक अरुण सिंह समेत 12 लोग घायल हो गये जिन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद सभी को छुट्टी दे दी गई. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है तथा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस नजर बनाये हुए है तथा अलर्ट पर है.