चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने गुरुवार को एक नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है, जिससे राज्य में शराब की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार ने इस नई नीति के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 11,020 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 874 करोड़ रुपये अधिक है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नीति के चलते पंजाब में शराब के दाम बढ़ सकते हैं। नई नीति में राज्य में शराब समूहों की संख्या को भी 236 से घटाकर 207 कर दिया गया है। ये समूह राज्य भर में 6,374 शराब की दुकानों को कवर करेंगे।
कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त एवं आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि आबकारी विभाग इस वित्त वर्ष के अंत तक 10,200 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह करेगा, जबकि आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 10,145 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व में आबकारी से केवल 6,100 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता था।
मंत्री चीमा ने आगे बताया कि नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों का आवंटन अब ई-निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। देसी शराब के कोटे में भी तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रवर्तन को मजबूत करने के लिए नए आबकारी पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे, जिसके लिए एक समिति का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त, नई नीति में राज्य में नए बॉटलिंग संयंत्र स्थापित करने की अनुमति भी दी गई है।
शराब पर लगने वाले गौ कल्याण उपकर को भी 1 रुपये प्रति प्रूफ लीटर से बढ़ाकर 1.50 रुपये प्रति प्रूफ लीटर कर दिया गया है। वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि इस वृद्धि से राजस्व में 16 से 24 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि होने का अनुमान है।
नई आबकारी नीति के प्रावधानों और राजस्व लक्ष्यों को लेकर सरकार का मानना है कि इससे राज्य के वित्तीय संसाधनों में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। हालांकि, शराब की कीमतों में संभावित वृद्धि से आम नागरिकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना बाकी है।
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liquor prices are going to increase in Punjab