जालंधरः जालंधर व होशियारपुर से कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद केपी के बार-बार विरोध दर्ज करवाने के बाद भी उनकी पार्टी में सुनवाई नहीं हो रही है। कांग्रेस की सियासत में उलझे केपी अगर एक-दो दिनों में इससे बाहर नहीं आ पाए तो शायद पार्टी उनसे दूरी बना लेगी।
बता दें, जालंधर विधानसभा से चौधरी संतोख सिंह को टिकट दिए जाने के बाद महिंदर सिंह केपी ने एतराज जताया था कि पार्टी ने उनकी दावेदारी को दरकिनारे करके उनका पॉलिटिकल करियर खतरे में डाला है। उससे पहले केपी के समर्थकों की तरफ से सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर लोगों से उनकी राय मांगी गई थी कि केपी आजाद चुनाव लड़ें या नहीं।
वहीं सूत्रों की माने तो भाजपा नेताओं के साथ भी नाराज महिंदर सिंह केपी की नजदीकियां बढ़ रही हैं जिससे जालंधर की राजनीति में हलचल बढ़ गई है क्योंकि वह करीब 10 दिन पहले दिल्ली में भाजपा के एक बड़े नेता के साथ मिल चुके हैं। परन्तु ये अलग बात है कि केपी ने इसे अभी तक खुले तौर पर स्वीकार नहीं किया है।