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जालंधर में ठग ट्रैवल एजेंट शीतल पर मेहरबान हुई पुलिस! KINGDOM CONSULTANTS के खिलाफ पीड़ितों का फूटा गुस्सा; ऑफिस घेरकर किया प्रदर्शन- लगाए गंभीर आरोप

जालंधर (अमन बग्गा): पंजाब के गृह विभाग द्वारा जारी स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, जालंधर का डीसी ऑफिस और पुलिस प्रशासन कथित तौर पर दागी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहा है। एफआईआर दर्ज होना मात्र औपचारिकता रह गई हैं। पिछले लंबे समय से जिन जिन इमिग्रेशन के मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं रिश्वतखोरों ने मोटी सेंटिंग कर ठग ट्रैवल एजेंटों पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अधिकतर केस रफादफा कर दिए हैं।

एफआईआर दर्ज होने के बाद भी यहां के ठग एजेंटों के न तो लाइसेंस रद्द हो रहे हैं और न ही उनके कार्यालय सील किए जा रहे हैं और न ही गिरफ्तारी की जा रही हैं। जिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई भी हैं उन के चालॉन अभी तक कोर्ट में पेश नहीं किए गए हैं। वहीं दूसरी और लोगों को लगातार ठगी का शिकार होना पड़ रहा है।

इसी कड़ी में थाना 7 के अंतर्गत गढ़ा रोड स्थित ट्रैवल एजेंट शीतल की ट्रैवल एजेंसी किंगडम कंसल्टैंट के कार्यालय से सामने आया। कार्यालय खुलते ही ठगी के शिकार लोग वहां पहुंचे और एजेंसी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। यह कार्यालय पिछले काफी समय से बंद था क्योंकि इसके संचालकों के खिलाफ पुलिस में कई मामले दर्ज हैं।

थाना 7 की पुलिस, जो ट्रैवल एजेंटों से कथित तौर पर मासिक और प्रति केस के हिसाब से मोटी रकम लेने के आरोपों के घेरे में है, द्वारा त्वरित कार्रवाई न किए जाने के कारण लगातार सवालों के घेरे में है।

यही कारण है कि लगातार ठगी के आरोपों से घिरे शीतल एवं किंगडम कंसल्टैंट पर आज 12-14 पीड़ितों द्वारा हंगामा किए जाने पर भी थाना पुलिस ने मौके पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

भुलत्थ से आए एक परिवार ने एजेंसी पर विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का आरोप लगाया। परिवार ने एजेंसी के दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया और बताया कि उन्होंने नवंबर 2024 में स्कूली वीजा लगवाने के लिए 12.40 लाख रुपये दिए थे। कुछ समय बाद उन्हें बताया गया कि वीजा अस्वीकार हो गया है, लेकिन पीड़ित परिवार को अस्वीकृति का प्रमाण नहीं दिखाया गया।

वहीं, मोहाली से आए संदीप नामक व्यक्ति ने बताया कि उनसे स्कूली वीजा लगवाने की बात कही गई, लेकिन बाद में टूरिस्ट वीजा लगा दिया गया। इसके बाद दफ्तर के कर्मचारी 6 से 7 महीने तक टालमटोल करते रहे। संदीप ने बताया कि उन्हें भी वीजा अस्वीकृत होने की बात कही गई, लेकिन कोई सबूत नहीं दिखाया गया। जब उन्होंने अपनी रकम वापस मांगी तो उन्हें एक चेक दिया गया, जो बाउंस हो गया। संदीप ने कनाडा के वीजा के लिए 12 लाख रुपये दिए थे। उनका आरोप है कि अब दफ्तर में बाउंसर खड़े कर दिए गए हैं, जो लोगों के साथ विवाद करते हैं।

अन्य पीड़ित भी एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ मिलकर हंगामा कर रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन या थाना पुलिस में से कोई भी उनकी सुनवाई के लिए नहीं पहुंचा। वहीं, ट्रैवल एजेंसी की ओर से भी कोई अपना पक्ष रखने के लिए सामने नहीं आया। पीड़ितों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे ठग एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि और लोगों को धोखाधड़ी से बचाया जा सके।

KINGDOM CONSULTANTS reopened, victims’ anger erupted