खालिस्तान समर्थक समूह ‘द सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) पर मोदी सरकार ने पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. एलएफजे पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एसएफजे को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया.
इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एलएफजे खुलेआम खालिस्तान का समर्थन करता है और इस तरह भारत की सम्प्रभुता और अखंडता को चुनौती देता है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार के फैसले पर कहा कि सिख फॉर जस्टिस जैसे गैरकानूनी संगठन को बैन करके भारत ने आईएसआई के इशारे पर काम करने वाले द्रोहियों और अलगाववादियों के खिलाफ अपनी मंशा साफ कर दी है.
अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस संगठन अवैध तरीके से अपनी गतिविधियां चला रहा है, जिससे पंजाब में हालात बिगड़ रहे हैं. गुरपतवंत सिंह पन्नू और परमजीत सिंह
इस संगठन के प्रमुख लोगों में शामिल हैं, जो अपनी गतिविधियां चला रहे हैं.
प्रतिबंधित करने का फैसला सरकार ने कई सिख संगठनों की राय के बाद लिया है. ये संगठन रेफरेंडम ट्वंटी ट्वंटी चला रहा था. एलएफजे पर अब तक 11 मामले भारतीय एजेंसियों ने दर्ज किए हैं.
हिन्दू संगठनों ने की सराहना
इस फैंसले की निशांत शर्मा, मनोज नन्हा, कुणाल कोहली, आशीष अरोरा ,नरिंदर थापर, रोहित जोशी, इशांत शर्मा, बंटी, आदि कई नेताओं ने सराहना की है।