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जालंधर के DC की मेहनत ला रही रंग, अढ़ाई महीनों में जालंधर में कोरोना के सबसे कम मामले आए सामने, जिले में 75 प्रतिशत बेड खाली

जालंधर: कोरोना महामारी में डीसी घनश्याम थोरी ने जितनी मेहनत कर स्वास्थ्य सुविधा को मजबुत करने और संरचना बनाने का काम किया है वो काबिले तारिफ है। डीसी के मेहनत का ही प्रमाण है कि आज जिले के अस्पतालों में कोविड वार्ड, आक्सीजन स्पोटेर्ड बेड, आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता, मरीजों के बीच दवा का वितरण, कोरोना जांच आदि जिलेवासियों को मिल पा रहा है। डीसी के नेतृत्व में पुरा प्रशासन लगातार सक्रीय है। यही कारण है कि जिले में संक्रमण का दर भी घटा है।

जिले में पिछले ढाई महीनों में कोविड-19 के सबसे कम मामले सामने आए हैं, जिसमें जिले भर में कोविड देखभाल सुविधाओं में 75 प्रतिशत बेड खाली हैं। उपायुक्त घनश्याम थोरी ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा अपनाई गई बहुआयामी रणनीति पर प्रकाश डालते हुए शुक्रवार को कहा कि जिले में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कोविड देखभाल सुविधाओं में व्यवस्थित कुल 2000 से अधिक बिस्तरों में से लगभग 1500 बिस्तर (75 प्रतिशत) खाली पड़े हैं, जो स्थिति में सुधार को दर्शाता है।

उन्होंने उल्लेख किया कि न केवल बिस्तर अधिभोग के मामले में, जिला लगातार मृत्यु दर (सीएफआर) मामलों में भी सुधार देख रहा है क्योंकि जिला 22 जिलों के सीएफआर सूचकांक में 18 वें स्थान पर है, जो कि राज्य में सबसे कम रैंकिंग में से एक है। उन्होंने कहा कि नवीनतम सीएफआर रिपोर्ट के अनुसार, जालंधर जिले में 2.30 प्रतिशत सीएफआर दर्ज किया गया है, जिसमें से 60733 सकारात्मक मामलों में से 1394 लोगों की मौत हुई है।

थोरी ने कहा कि ताजा संक्रमणों में गिरावट की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सप्ताह के दिनों में सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक दुकानों को खोलने की अनुमति देकर जिले में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रतिबंध हटा दिए हैं।

In the last two and a half months, Jalandhar reported the least number of corona cases.