नई दिल्ली: पंजाब पुलिस ने फरीदकोट के हरी नौ गांव में एक सिख कार्यकर्ता की हत्या के मामले में खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह और अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लागू कर दिया है। इस कदम से जेल में बंद सांसद की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
पिछले साल 10 अक्टूबर को हरी नौ गांव में तीन हमलावरों ने गुरप्रीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में आतंकवादी अर्श दल्ला को भी आरोपी बनाया गया था। 23 अक्टूबर को कोटकपूरा पुलिस ने एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 111 (संगठित अपराध) जोड़ी थी।
सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत, अमृतपाल सिंह अपने नौ साथियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। पुलिस ने बताया कि इस मामले में नए खुलासों के बाद उन्होंने यूएपीए लगाया है।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को 90 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर अदालत में चालान प्रस्तुत करने में कठिनाई हो रही थी। इसलिए, आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत से रोकने के लिए यूएपीए लगाने का निर्णय लिया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, यह हत्या अशांति पैदा करने और राष्ट्र की सुरक्षा को कमजोर करने की एक सुनियोजित साजिश थी। हमारे पास सभी आरोपियों को योजनाबद्ध तरीके से कई गैरकानूनी गतिविधियों से जोड़ने वाले पुख्ता सबूत हैं, यही वजह है कि हमने यूएपीए लगाया है।
इस कार्रवाई से सांसद अमृतपाल सिंह सहित अन्य आरोपियों की कानूनी स्थिति में तेजी से बदलाव आ सकता है, जिससे उनके खिलाफ जांच और अभियोजन प्रक्रिया में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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Jailed MP Amritpal Singh’s troubles may increase