You are currently viewing कोरोना काल में रेलयात्रा के नए नियम जो जानना है बेहद जरुरी, पालन नहीं करने पर खानी पड़ सकती है जेल की हवा

कोरोना काल में रेलयात्रा के नए नियम जो जानना है बेहद जरुरी, पालन नहीं करने पर खानी पड़ सकती है जेल की हवा


नई दिल्लीः रेलयात्रा के दौरान कोरोनावायरस से बचाव को लेकर रेलवे सुरक्षाबल (RPF) ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनका उल्लंघन यात्रियों के लिए भारी पड़ेगा। नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना अथवा जेल की सजा हो सकती है। मास्क नहीं पहनने, कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हो जाने के बाद भी ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों पर रेल अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है, उन्हें जुर्माना भरना पड़ सकता है और यहां तक की कैद की भी सजा हो सकती है। रेल सुरक्षा बल (RPF) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

 

 

आरपीएफ ने विशेष रूप से आगामी त्योहारी मौसम के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिशा-निर्देशों में यात्रियों से रेल परिसरों में कुछ गतिविधियां करने से बचने को कहा गया है। इनमें मास्क नहीं पहनना या सही तरीके से नहीं पहनना, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करना, कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो जाने के बाद या जांच के नतीजे लंबित रहने के दौरान रेल क्षेत्र में या स्टेशन पर आने या ट्रेन में सवार होने या स्टेशन पर स्वास्थ्य टीम द्वारा यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने पर भी ट्रेन में सवार हो जाना आदि शामिल हैं। आरपीएफ ने कहा कि सार्वजनिक स्थल पर थूकना भी गैरकानूनी है।

रेलवे स्टेशनों पर एवं ट्रेनों में अस्वच्छ परिस्थितियां पैदा कर सकने वाली गतिविधियों में संलिप्त होना या जनस्वास्थ्य एवं सुरक्षा को प्रभावित करना तथा कोरानावायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए रेल प्रशासन द्वारा जारी किसी दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने जैसी गतिविधियों की भी अनुमति नहीं होगी।

 

 

आरपीएफ ने एक बयान में कहा कि चूंकि ये गतिविधियां या कृत्य कोरोनावायरस के प्रसार को बढ़ा सकती है और किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इन गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों को रेल अधिनियम की धारा 145, 153 और 154 के तहत दंडित किया जा सकता है।

रेल अधिनियम की धारा 145 (नशे में होना या उपद्रव करना) के तहत अधिकतम एक महीने की कैद, धारा 153 (जान-बूझकर यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जुर्माने के साथ अधिकतम 5 साल की कैद और धारा 154 (लापरवाह कृत्यों से अन्य यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत एक साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों सजा साथ में दिए जाने का प्रावधान है।