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जालंधर में हिन्द क्रांति दल ने धूमधाम से मनाया तुलसी पूजन दिवस, विभिन्न हिन्दू संगठनों के नेताओं ने किया तुलसी माता का पूजन

जालंधरः हिन्द क्रांति दल द्वारा आज गोपाल नगर कार्यालय में तुलसी पूजन दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में तुलसी माता के पौधे के गुणों और उसकी महत्वता का वर्णन किया गया। हिन्द क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज नन्ना ने बताया कि भारतीय संस्कृति में तुलसी को माता के समान कहा जाता है और तुलसी से अनेक प्रकार के असाध्य रोगों का उपचार किया जाता है। इतना ही नहीं तुलसी पर्यावरण के लिए रक्षक है तुलसी ऐसा पौधा है जो 24 घंटे ऑक्सीजन देती है। उन्होंने बताया भगवान विष्णु को तुलसी परम प्रिय है।

इस मौके पर सुनील सहगल ने बताया कि आखिर क्यों हमें आज के दिन क्रिसमिस न मनाकर तूलसी पूजन दिवस मनाना चाहिए। उन्होंने कहा, भारतीय संस्कृति और सभ्यता को भूल लोग भारत को गुलाम करने वाले अंग्रेजों के पर्व त्योहारों को खुशी-खुशी मना रहे हैं। आजादी के लिए लाखों भारतीयों ने अपने प्राणों के न्योछावर किया तब जाकर आजादी मिली, परंतु लोग अपनी पर्व त्योहारों को छोड़ अंग्रेजों के द्वारा चलाए जा रहे सभ्यता संस्कृति को अपना रहे हैं। हमें अपने त्याहरों को नहीं भूलना चाहिए इसीलिए आज यहां तुसली पूजन दिवस मनाया जा रहा है।

इस दौरान हिन्द क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज नन्ना, धर्मजागरण से सुनील सहगल, नरेंद्र थापर शिवसेना समाजवादी, आशीष अरोड़ा (शिवसेना बाल ठाकरे), महिंद्र सिंह (पार्षदपति), मुनीष बाहरी, रोहित जोशी, शिवसेना सुभाष महाजन, अजय कालिया, पंडित दीन दयाल शास्त्री, संजीव शर्मा, बलविंदर वर्मा, प्रविंद्र वर्मा, अश्विनी कुमार, सुनील बंटी, पुनीत वर्मा, प्रदीप कुमार, सार्थक शर्मा, यश पहलवान, युवराज, आशीष आशू, गौरव शर्मा रोहित सहगल के अलावा महिलाओं में स्नेह लता, प्रवीन, अमिता शर्मा, वन्दना शर्मा उपस्थित थे।

25 दिसम्बर को क्रिसमस की जगह क्यों मनायें ‘तुलसी पूजन दिवस’?
तुलसी सम्पूर्ण धरा के लिए वरदान है, अत्यंत उपयोगी औषधि है, मात्र इतना ही नहीं, यह तो मानव जीवन के लिए अमृत है। यह केवल शरीर स्वास्थ्य की दृष्टि से ही नहीं, अपितु धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यावरणीय एवं वैज्ञानिक आदि विभिन्न दृष्टियों से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। क्रिसमिस के दिन शराब आदि नशीले पदार्थ का जमकर सेवन करते है, अश्लीलता भरे गाने गाये जाते है, पार्टी करते है, महिलाओं से छेड़छाड़ करते है जिसके कारण वातावरण अशुद्ध होता है, स्वास्थ्य खराब होता है, पैसे और समय की बर्बादी होती है और आत्महत्यायें बढ़ती है इन सबको रोकने के लिए क्रिसमिस की जगह तुलसी पूजन दिसव मनाना अत्यंत आवश्यक है।

तुलसी पूजन दिवस 25 दिसम्बर को क्यों मनायें ?
इन दिनों में बीते वर्ष की विदाई पर पाश्चात्य अंधानुकरण से नशाखोरी, आत्महत्या आदि की वृद्धि होती जा रही है। तुलसी उत्तम अवसादरोधक एवं उत्साह, स्फूर्ति, सात्त्विकता वर्धक होने से इन दिनों में यह पर्व मनाना वरदानतुल्य साबित होगा।