जालंधर: पंजाब के सरकारी बस कर्मचारियों ने वेतन संबंधी समस्याओं को लेकर एक बार फिर हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कर्मचारी यूनियन ने संयुक्त रूप से घोषणा की है कि वेतन खातों में केवल आधा पैसा जमा किए जाने के विरोध में वे 24 अप्रैल को पूरे राज्य में बसों का संचालन बंद रखेंगे और बसों को डिपो में खड़ा कर देंगे। कर्मचारियों ने विभाग और राज्य सरकार के प्रति भारी रोष व्यक्त किया है।
कर्मचारियों की यूनियन का कहना है कि उन्हें इस महीने पूरे वेतन की सख्त जरूरत है, ताकि वे अपने बच्चों की स्कूल फीस भर सकें, नए सत्र में दाखिले का खर्च उठा सकें और साल भर के लिए गेहूं खरीद सकें। उनका आरोप है कि कर्मचारियों को पूरा वेतन न मिल पाने का मुख्य कारण सरकार द्वारा विभाग को लगभग 600 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान न करना है। यूनियन नेताओं के मुताबिक, सरकार ने पिछले लगभग 6 महीनों से यह राशि जारी नहीं की है, जिसके कारण विभागों को कर्मचारियों को पूरा वेतन देने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
पंजाब राज्य संयुक्त सचिव जगतार सिंह ने इस संबंध में बात करते हुए बताया कि हाल ही में उनकी वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के साथ बैठक हुई थी, जिसमें जल्द से जल्द बकाया राशि जारी करने का आश्वासन दिया गया था। हालांकि, अभी तक पैसा जारी नहीं किया गया है। जगतार सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार का यह रवैया उसकी मंशा को स्पष्ट करता है कि वह सरकारी परिवहन विभाग को धीरे-धीरे खत्म करने की ओर बढ़ रही है।
जगतार सिंह ने आगे कहा कि कर्मचारी पहले ही मुफ्त यात्रा योजना के तहत सरकार से मिलने वाली राशि की कमी (बकाया) से परेशान हैं। इसके बावजूद, सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत निजी ऑपरेटरों की बसें लाकर विभाग को बड़े पैमाने पर ‘लूट’ रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि विभाग की अपनी नई बसें कब सड़कों पर उतरेंगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है, और ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार केवल निजी बस माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए निजी बसों को किलोमीटर स्कीम के तहत संचालन की अनुमति दे रही है।
कर्मचारियों के इस ‘चक्का जाम’ के आह्वान से कल, 24 अप्रैल को पंजाब में रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी की बस सेवाएं पूरी तरह ठप रहने की आशंका है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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Important news for those traveling in buses in Punjab