-अगर गिरफ्तारी न हुई तो शरारती तत्वों के हौसले बुलंद होते जाएंगे
जालंधर: एक तरफ पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने साफ तौर पर कहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगडऩे नहीं दी जाएगी वहीं दूसरी तरफ जालंधर में भरी पार्टी में एक पत्रकार पर जानलेवा हमला करके लहूलुहान करने वाले आरोपी सरेआम घूम रहे हैं लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की बजाय कागजी कार्रवाई में व्यस्त है।
पीड़ित पत्रकार विजय अटवाल पर स्थानीय होटल में जानलेवा हमला हुआ था और उनके सिर पर तेजधार हथियार और प्लेटें मारी गई थीं। इस मामले में थाना नंबर 4 में पांच आरोपियों बलजीत, काला, टोनी, संजू, नितिन मट्टू (बोनी) के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर ली गई लेकिन अभी तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। क्या पुलिस इस बात का इंतजार कर रही है कि दोनों में राजीनामा हो या फिर आरोपी फिर अदालत से कोई राहत पाकर पीडि़त पत्रकार अटवाल पर दोबारा हमला करें।
सूत्रों के मुताबिक पांचों आरोपी जालंधर में ही हैं और अपने करीबियों के ठिकानों को उन्होंने अपना छिपने का ठिकाना बनाया हुआ है। पुलिस कमिश्नर अगर इस मामले में सेंट्रल हलके की पुलिस टीम को सख्त निर्देश दें तो आरोपी जल्द गिरफ्त में हो सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सभी आरोपी जालंधर के हैं और कुछ तो सरकारी पदों पर कार्यरत हैं। ऐसे में उनके दफ्तरों में रेड करके आसानी से उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है लेकिन ये तभी संभव होगा जब पुलिस हरकत में होगी। अब अगर एक पत्रकार के हमलावर ही सरेआम घूमते रहेंगे तो आप ही बताइए आम जनता को इंसाफ कैसे मिलेगा।
If the arrest is not made then the morale of the mischievous elements will increase