You are currently viewing पति और जेठ की हैवानियत, बात करने के बहाने बुलाकर पत्नी पर धारदार हथियार से हमला, चेहरे पर आए 250 टांके

पति और जेठ की हैवानियत, बात करने के बहाने बुलाकर पत्नी पर धारदार हथियार से हमला, चेहरे पर आए 250 टांके

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले स्थित भजनपुरा इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक महिला पर उसके ही पति और जेठ (पति के बड़े भाई) ने बर्बरतापूर्वक जानलेवा हमला कर दिया। आरोप है कि दोनों ने पहले महिला को बुरी तरह पीटा और फिर उसके चेहरे पर धारदार हथियार से कई वार किए, जिसके बाद वे मौके से फरार हो गए।

पुलिस के अनुसार, पीड़िता शबनम लोनी (मूल निवासी मुस्तफाबाद, यूपी) का अपने पति नजबुल हसन उर्फ जेगम से कुछ समय से विवाद चल रहा था। इस वजह से वह भजनपुरा में सितारा मस्जिद के पास अपने मायके वालों के साथ रह रही थीं। आरोप है कि बीते 4 अप्रैल को पति नजबुल ने शबनम को बातचीत करने के बहाने दिल्ली के मोहनपुरी, नूर इलाही इलाके में बुलाया।

जब शबनम नियत स्थान पर पहुंची, तो वहां उसका पति नजबुल अपने बड़े भाई कमरूल हसन के साथ पहले से मौजूद था। आरोप है कि पति ने शबनम को बातों में उलझाकर बहाने से छत पर ले गया। छत पर पहुंचते ही पति और जेठ, दोनों ने मिलकर शबनम पर कथित तौर पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हमला कर दिया, खासकर चेहरे को निशाना बनाया।

किसी तरह अपनी जान बचाकर शबनम ने शोर मचाया, जिसके बाद आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने खून से लथपथ शबनम को पहले जग प्रवेश चंद्र अस्पताल, शास्त्री पार्क पहुंचाया। लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए उसे गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल, दिलशाद गार्डन रेफर कर दिया गया। हमले की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जीटीबी अस्पताल में इलाज के दौरान शबनम के गालों, माथे और कान समेत चेहरे पर करीब 250 टांके लगाने पड़े हैं।

भजनपुरा थाना पुलिस ने पीड़िता शबनम लोनी के बयान के आधार पर आरोपी पति नजबुल हसन और जेठ कमरूल हसन के खिलाफ मारपीट और जानलेवा हमला करने (घातक हथियार से हमला) जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। दोनों आरोपी वारदात के बाद से ही फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है और मामले की गहनता से जांच कर रही है। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है।

Husband and brother-in-law’s cruelty called wife on pretext