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200-300 लोगों की भीड़, आगजनी और पत्थरबाजी…औरंगजेब की कब्र विवाद से मचा भारी बवाल; हिंसा की पूरी कहानी समझिए

नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर शहर में सोमवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ विवाद मंगलवार सुबह तक हिंसक झड़पों और आगजनी में तब्दील हो गया, जिसके बाद शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस हिंसा में कम से कम 11 लोग घायल हुए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

यह घटना सोमवार शाम को शहर के महाल इलाके में हुई, जहां दो गुटों के बीच तनाव बढ़ने के बाद पत्थरबाजी, वाहनों में आगजनी और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

विवाद की शुरुआत सोमवार दोपहर को हुई, जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने महाल गांधी गेट परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने औरंगजेब का पुतला जलाया। इन संगठनों की मांग है कि छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए, क्योंकि वे उसे “अत्याचारी शासक” मानते हैं।

शाम करीब 7:00 से 7:30 बजे के बीच शिवाजी चौक के पास एक समूह ने इस प्रदर्शन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे तनाव बढ़ गया। इसके बाद अफवाह फैल गई कि हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र कलमा लिखा कपड़ा और एक पवित्र पुस्तक जला दी है। इस अफवाह ने स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिसके बाद चिटनिस पार्क से भालदारपुरा इलाके तक हिंसा फैल गई।

उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके, कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। ज्वाइंट कमिश्नर निसार तंबोली ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।

स्थानीय लोगों के अनुसार, लगभग 200 से 300 लोगों की भीड़ अचानक आई और उन्होंने घरों को निशाना बनाकर पथराव किया। इलाके में खड़ी गाड़ियों को तोड़ा गया, कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हमलावरों ने चेहरे ढक रखे थे और कुछ के पास पेट्रोल बम भी थे। स्थानीय निवासी ने बताया, ‘हमने आज तक ऐसी घटना नहीं देखी। हमारे घरों की खिड़कियों पर पत्थर बरसाए गए। भीड़ में कोई भी स्थानीय नहीं था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, हिंसा की मुख्य वजह अफवाहें थीं। प्रदर्शन के बाद कुछ लोगों ने दावा किया कि औरंगजेब के पुतले पर रखी हरी चादर पर धार्मिक शब्द लिखे थे, जिसे जला दिया गया। मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं पर हमला बताया और बजरंग दल के खिलाफ FIR की मांग की, जिसका बजरंग दल ने खंडन किया है।

नागपुर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंगल ने कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है। संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल, राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF), दंगा नियंत्रण पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) तैनात किए गए हैं। पुलिस ने लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने औरंगजेब का महिमामंडन करने वालों की निंदा की है। फिलहाल नागपुर में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन तनाव अभी भी व्याप्त है।

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