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हंसराज महिला महाविद्यालय में महात्मा आनन्द स्वामी जी की पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई

जालंधर (अमन बग्गा): हंसराज महिला महाविद्यालय में महात्मा आनन्द स्वामी जी के निर्वाण उत्सव को श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय में लाईफ एंड टीचिंग ऑफ महात्मा आनंद स्वामी जी और रैलेवेंस ऑफ टीचिंगस ऑफ आर्य समाज इन माडर्न सीनेरिओ आदि विषयों पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कु. रोनिका, कु. ईशप्रीत, कु. दृष्टि प्रथम, द्वितीय एवम् तृतीय स्थान पर रहीं। इस अवसर पर छात्राओं ने मंत्रोच्चारण एवं भजनों की प्रस्तुति देकर समय बाँधा।

 

 

प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन जी ने कहा कि कुछ महान् व्यक्तित्व इस प्रकार के होते हैं जिनका नाम सुनते ही कानों में अमृत रस घुलने लगता है। महात्मा जी को दूसरों की पीड़ा पी लेने वाला नीलकण्ठ कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। बीसवीं शताब्दी के महान् सन्त का सबके लिए एक सन्देश रहा, ‘मुस्कुराते रहो’ पूरे विश्व में उन्हें नि:स्वार्थ सेवा के लिए जाना जाता है। वह एक सकारात्मक सोच वाले, मनुष्य को ऊंचा उठाने वाले, छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से सरलता से लोगों को सन्देश देने वाले महान् व्यक्तित्व थे। उनकी प्रत्येक पुस्तक ज्ञान का अथाह सागर भरे हुए हैं। आर्य गजट, मिलाप आदि पत्रों के संपादक महात्मा आनन्द स्वामी जी सदा ही हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। हमें आर्य समाज के पितामह महात्मा आनन्द स्वामी जी के द्वारा दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए और आत्मिक, सामाजिक उन्नति में सदैव तत्पर रहना चाहिए।

 

 

इस अवसर पर डीन वैदिक अध्ययन सोसायटी श्रीमती ममता ने कहा कि डी.ए.वी. आंदोलन के रचनाकार, समाज सुधारक महात्मा आनन्द स्वामी जी सदा ही हमारे लिए प्रेरणा हैं। संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने इस अवसर पर उनकी पुस्तकों की चर्चा की तथा एक छोटी कहानी के माध्यम से महात्मा जी के सन्देश को सबके साथ सांझा किया। इस अवसर पर प्रतियोगिता में विजेता छात्राओं को बधाई दी तथा अन्य प्रतिभागी छात्राओं को सदा प्रयासरत रहने की प्रेरणा प्रदान की।